नई दिल्ली (एजेंसी) - भारत के फार्मा निर्यात ने वित्त वर्ष 2013-14 की तुलना में 103 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज कराई है और यह वित्त वर्ष 2013-14 के 90,415 करोड़ रूपये से बढ़ कर वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान 1,83,422 करोड़ रुपये तक पहंच गया है। वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान अर्जित निर्यात फार्मा सेक्टर का अब तक का सर्वश्रेष्ठ निर्यात प्रदर्शन है। यह एक उल्लेखनीय बढोतरी है जब निर्यात में 8 वर्षों में लगभग 10 बिलियन डॉलर की वृद्धि हो चुकी है।
केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग, उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण तथा कपड़ा मंत्री श्री पीयूष गोयल ने एक ट्वीट के माध्यम से इस उपलब्धि को रेखांकित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के सक्रिय नेतृत्व में भारत ‘विश्व के फार्मेसी’ के रूप में सेवा करता रहा है।
अपनी कीमत प्रतिस्पर्धात्मकता तथा अच्छी गुणवत्ता के कारण सक्षम भारतीय फार्मा कंपनियों ने वैश्विक पहचान बनाई है जिसमें विश्व के 60 प्रतिशत टीके तथा 20 प्रतिशत जेनेरिक दवाएं भारत से आती हैं।
भारत मात्रा के हिसाब से दुनिया भर में तीसरे तथा मूल्य के लिहाज से विश्व में 14वें स्थान पर है। भारत की फार्मा सफलता गाथा के पीछे विश्व स्तरीय विनिर्माण उत्कृष्टता, मजबूत बुनियादी ढांचा, लागत-प्रतिस्पर्धात्मकता, प्रशिक्षित मानव पूंजी तथा नवोन्मेषण है। भारतीय फार्मास्यूटिकल उद्योग का वर्तमान बाजार आकार लगभग 50 बिलियन डॉलर है। केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने एक ट्वीट में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सक्रिय नेतृत्व में भारत ‘दुनिया की फार्मेसी’ के रूप में सेवा कर रहा है |
सर्वे संतु निरामया!
India’s booming drugs & pharmaceuticals exports more than double in 2021-22 compared to 2013-14.
Under the active leadership of PM @NarendraModi ji, India is serving as ‘Pharmacy of the World’. pic.twitter.com/Mu5tYL23ve
— Piyush Goyal (@PiyushGoyal) April 25, 2022
भारत टॉप के जिन पांच देशों में फार्मा का एक्सपोर्ट करता है, उनमें अमेरिका, ब्रिटेन, दक्षिण अफ्रीका, रूस और नाइजीरिया शामिल हैं | कॉमर्स मिनिस्ट्री के मुताबिक, वित्त वर्ष 2020-21 में दुनियाभर में फैली कोरोना महामारी के दौरान भारतीय दवाओं और फार्मास्यूटिकल्स ने 18 फीसदी की तेज वृद्धि के साथ 24.4 बिलियन अमरीकी डॉलर का एक्सपोर्ट किया था |