नई दिल्ली - देश भर में भीषण गर्मी ने अपना रंग दिखाना शुरू कर दिया हैै। देश के कई राज्यों में पारा 45 डिग्री तक पहुंच चुका है। वहीं भीषण गर्मी से लोगों के पसीने छुड़ा देने वाला मौसम बदलने वाला है। सोमवार से अगले कुछ दिनों तक बंगाल की खाड़ी से आने वाली नम हवाएं उत्तर भारत को राहत पहुंचाएंगी। भारतीय मौसम विभाग के मुताबिक दिल्ली, यूपी, पंजाब और हरियाणा में अगले तीन दिनों तक आंधी चलने के आसार हैं। कहीं-कहीं गरज के साथ छींटे भी पड़ेंगे। कुछ इलाकों में अचानक तेज हवाएं चल सकती हैं, जिनकी रफ्तार 40 से 50 किमी प्रति घंटे तक मुमकिन है। कुछ इसी तरह का मौसम देश के बाकी उत्तर-पश्चिमी इलाकों में भी दिख सकता है। इससे कुछ दिनों के लिए गंगा के मैदानी इलाकों में लू से छुटकारा मिलेगा।
मौसम में इस बदलाव की वजह से उत्तर-पश्चिमी इलाकों में अगले दो दिनों में अधिकतम तापमान में 3 से 5 डिग्री तक की गिरावट आ सकती है। मध्य व पूर्वी भारत के अलावा गुजरात, महाराष्ट्र में पारा 2-3 डिग्री नीचे आ सकता है। मौसम विभाग का कहना है कि बंगाल की खाड़ी और पूर्वोत्तर से आने वाली हवाओं की वजह से अगले 5 दिनों तक बिहार, झारखंड, बंगाल और ओडिशा में तेज आंधी आ सकती है और गरज के साथ छींटे पड़ सकते हैं।
ढ्ढरूष्ठ ने बताया कि वेस्टर्न डिस्टर्बेंस की वजह से हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, जम्मू कश्मीर में सोमवार को तेज हवाएं चलेंगी। हल्की से मध्यम दर्जे की बारिश भी हो सकती है। इसके बाद 3 और 4 मई को कुछ इलाकों में तेज हवाओं के साथ अच्छी बारिश की संभावना है। ओले भी गिर सकते हैं. तेज आंधी की भी संभावना है। बंगाल की खाड़ी से आ रही हवाओं की वजह से पूर्वोत्तर भारत और उप हिमालयी बंगाल, सिक्किम में अगले 5 दिनों तक गरज के साथ तेज आंधी के आसार हैं। कहीं-कहीं तेज बारिश भी होगी। उधर दक्षिणी अंडमान सागर में चक्रवाती हवाओं का सिस्टम बन रहा है, इससे तेज हवाओं के बीच भारी बारिश की संभावना है।
एक ताजा पश्चिमी विक्षोभ पश्चिमी हिमालय के पास पहुंच गया है। एक ट्रफ रेखा पश्चिमी उत्तर प्रदेश से होते हुए दक्षिण बिहार और उत्तरी झारखंड होकर गंगीय पश्चिम बंगाल तक जा रही है। ये मौसम पैरामीटर गंगा के मैदानी इलाकों में प्री-मानसून गतिविधियों को शुरू करने में सहायक हो सकते हैं।
वैसे तो मई का महीना उत्तर पश्चिम और मध्य भारत के सबसे गर्म महीनों में से एक माना जाता है। इस साल अप्रैल का महीना उत्तर पश्चिम और मध्य भारत के लिए पिछले 122 वर्षों में सबसे गर्म रहा है। बारिश ने भी इस बार बेरुखी दिखाई है। 1 मार्च से 30 अप्रैल के बीच पूरे देश में 32प्रतिशत तो उत्तर पश्चिम भारत में 86 फीसदी तक बारिश की कमी दर्ज की गई है। लेकिन अब प्री-मानसून गतिविधियों की वजह से इसमें थोड़ी राहत मिलने के आसार हैं।