- प्रधानमंत्री मोदी ने COP 2022 सम्मेलन में दुनिया को भारत का सूत्र पंचामृत देने का काम किया है
- विकसित देशों ने जितना प्रकृति का दोहन किया है, विकासशील देशों ने उसका 5 प्रतिशत भी नहीं किया
- 2014 की तुलना में सोलर एनर्जी में हुई 1900 % वृद्दि
लखनऊ - विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर उतर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित 'कांफ्रेंस आफ पंचायत-2022' कार्यक्रम में केन्द्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री गिरिराज सिंह ने पंचायतों से अनुरोध किया कि भारत सरकार प्रति वर्ष उन्हें सम्मानित करती है, लेकिन अब प्रथम अवार्ड उसे दिया जाएगा, जो पंचायत जीरो कार्बन फुटप्रिंट पर आधारित होगा। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने COP 2022 सम्मेलन में दुनिया को भारत का सूत्र पंचामृत देने का काम किया है -
पहला- भारत, 2030 तक अपनी जीवाश्म रहित ऊर्जा क्षमता को 500 गीगावाट तक पहुंचाएगा।
दूसरा- भारत, 2030 तक अपनी 50 प्रतिशत ऊर्जा ज़रूरतें, रीन्यूएबल एनर्जी से पूरी करेगा।
तीसरा- भारत अब से लेकर 2030 तक के कुल प्रोजेक्टेड कार्बन एमिशन में एक अरब टन की कमी करेगा।
चौथा- 2030 तक भारत, अपनी अर्थव्यवस्था की कार्बन इंटेन्सिटी को 45 प्रतिशत से भी कम करेगा
पाँचवाँ- वर्ष 2070 तक भारत, नेट जीरो का लक्ष्य हासिल करेगा
श्री सिंह ने कहा कि विकसित देशों ने जितना प्रकृति का दोहन किया है, विकासशील देशों ने उसका 5 प्रतिशत भी दोहन नहीं किया है। उन्होंने ने कहा कि आज हमें थर्मल एनर्जी के भरोसे रहने की कोई जरूरत नहीं है। इसीलिए हमारी सरकार ने तय किया है रिन्यूबल एनर्जी को प्राथमिकता देना है। उन्होंने कहा कि कुछ साल पहले चीन और अमेरिका ने पेरिस जलवायु समझौते से अपने को अलग कर लिया था लेकिन आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अथक प्रयासों से भारत रिन्यूबल एनर्जी को 100 गीगावाट तक ले आया है जिसके कारण चीन और अमेरिका भी अब भारत का समर्थन कर रहे है, जिसके चलते भारत पूरे विश्व का मार्गदर्शन कर रहा है।
आगे उन्होंने ने कहा कि प्रधानमंत्री के पंचामृत के सूत्र के अलावा भारत ने इंटरनेशनल सोलर एलायंस पर एक समझौता किया है जिससे पूरे देश में रिन्यूबल एनर्जी का एक जाल बिछेगा। उन्होंने कहा कि गंगा नदी के जीर्णोद्दार के खर्च के बजट में 288 प्रतिशत की बढोतरी की गयी है। भारत द्वारा राजस्थान के भड़ला सोलर पार्क की स्थापना उसके लक्ष्य की गंभीरता को दुनिया के सामने रखने का कार्य किया है। केंद्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री गिरिराज सिंह 2014 की तुलना में भारत की सोलर एनर्जी में 1900 प्रतिशत की वृद्दि हुई है।उन्होंने कहा प्रति व्यक्ति 320 किग्रां कार्बन का उत्सर्जन करता है इसलिये सभी पंचायतों को कार्बन उत्सर्जन रोकने के लिये सहजन या मोरिंगा,पीपल,नीम और जामुन का वृक्ष लगाना चाहिये।