- सामुदायिक भागीदारी के सुदृढ़ीकरण पर क्षय रोग अधिकारियों के साथ मंथन
- कम्युनिटी चैम्पियन की मदद ली जाएगी जनजागरूकता के लिए : डॉ. इरा मदन
लखनऊ - उत्तर प्रदेश एड्स कंट्रोल सोसायटी के तत्वावधान में बुधवार को स्थानीय एक होटल में प्रदेश के जिला क्षय रोग अधिकारियों और सहयोगी संस्थाओं की बैठक हुई। बैठक में एचआईवी/एड्स पर नियन्त्रण को लेकर आगामी कार्ययोजना पर विस्तार से चर्चा हुई।
इस मौके पर यूपी एड्स कंट्रोल सोसायटी के अपर परियोजना निदेशक (एपीडी) डॉ. हीरा लाल ने कहा कि किसी भी परियोजना को सही मायने में धरातल पर उतारने के लिए जनसहभागिता बहुत जरूरी है। इसी को ध्यान में रखते हुए आम लोगों को कार्यक्रम से जोड़ते हुए इसे एक जनआन्दोलन का रूप दिया जाएगा, ताकि जल्द से जल्द हम एचआईवी/एड्स के मूल में पहुंचकर उस पर नियन्त्रण पाने में सफल हो सकें। बैठक के उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुए यूपी एड्स कंट्रोल सोसायटी के संयुक्त निदेशक रमेश चन्द्र श्रीवास्तव ने कहा कि आज की बैठक में एचआईवी/एड्स पर नियन्त्रण से जुडी जो भी महत्वपूर्ण जानकारी बैठक में दी जा रही है, इसे जिलों में कार्यक्रम से जुड़े लोगों से अवश्य साझा करें। इसी क्रम में डॉ. हीरा लाल ने कहा कि इस बारे में जिलों में एक हफ्ते के भीतर बैठक कर उसके निष्कर्षों के बारे में सोसायटी को अवश्य अवगत कराएँ।
इस मौके पर नेशनल एड्स कंट्रोल आर्गेनाइजेशन की प्रतिनिधि डॉ. इरा मदन ने एचआईवी/ एड्स नियन्त्रण में कम्युनिटी चैम्पियन की भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि अब हर जिले में कम्युनिटी चैम्पियन तैयार किये जायेंगे जो उसी समुदाय के होंगे। इसको लेकर लखनऊ, प्रयागराज और मुरादाबाद में पायलट प्रोजेक्ट चलाया जा चुका है। उसकी सफलता को देखते हुए अब इसे प्रदेश के सभी जिलों में लागू किया जा रहा है। इसके तहत जिलों में चयनित 10 से 12 कम्युनिटी चैम्पियन एचआईवी/एड्स से जुड़ी भ्रांतियों और भय को दूर करते हुए लोगों को सही जानकारी प्रदान करेंगे। इसके अलावा बीमारी के बारे में समुदाय की समझ और सुझाव को भी एकत्र करेंगे ताकि उसके आधार पर कार्ययोजना तैयार कर एचआईवी/एड्स पर नियन्त्रण पाया जा सके।
इस मौके पर यूपी स्टेट लीगल सर्विस अथारिटी के सुदीप जायसवाल ने सेक्स वर्कर के अधिकारों और सुरक्षा पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि कानून की निगाह में सभी को बराबर का दर्जा मिला है, इसलिए सेक्स वर्कर को हर जरूरी सुविधाएँ प्राप्त करने का अधिकार है । उन्होंने मानव तस्करी पर सख्ती लाने के बारे में भी जिक्र किया ।
बैठक में यूपी एड्स कंट्रोल सोसायटी के सहायक निदेशक (आईईसी) अनुज कुमार दीक्षित ने एचआईवी एक्ट-2017 पर प्रकाश डाला । उन्होंने कहा कि इस एक्ट को सितम्बर 2018 से लागू किया गया, जिस पर स्टेट रूल तैयार कर इसे वर्ष 2021 में नोटिफाई किया गया । इसके तहत एचआईवी ग्रसित के हित को लेकर तमाम तरह की व्यवस्थाएं की गयी हैं । इसको हर जिले में प्रभावी तरह से लागू किया जा रहा है ताकि एचआईवी/एड्स नियन्त्रण में यह एक्ट प्रभावी भूमिका निभा सके। डिप्टी स्टेट टीबी आफिसर डॉ. ऋषि सक्सेना और सम्पूर्ण सुरक्षा स्ट्रेटजी की नोडल अधिकारी डॉ. प्रीति ने भी एचआईवी/एड्स नियन्त्रण में समुदाय की भागीदारी पर प्रकाश डाला। बैठक में सहयोगी संस्थाओं हमसफर ट्रस्ट के मुरुगेसन एस. और वाईआरजी केयर, एलायंस इण्डिया व सीफार के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया ।