द्वारका पीठ के शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती का 99 साल की उम्र में निधन



नई दिल्ली (नेशनल डेस्क) - शारदा पीठ और द्वारका पीठ के शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वीत का 99 साल की उम्र में निधन हो गया है। उनका निधन मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर में हुआ है। 99 वर्षीय शंकराचार्य स्वरूपानंद पिछले काफी दिनों से बीमार चल रहे थे।

प्राप्त जानकारी के मुताबिक उन्होंने अपने आश्रम में दोपहर 3 बजे के करीब अंतिम सांस ली। कुछ दिन पहले ही उन्होंने अपना 99वां जन्मदिन धूमधाम के साथ मनाया था। 2 सितंबर 1924 में उनका जन्म हुआ था। वह द्वारका और ज्योतिर्मठ पीछ के शंकराचार्य थे। उनके निधन से देश में शोक की लहर दौड़ गई है।

पीएम मोदी ने जताया शोक : प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के निधन पर शोक संवेदना प्रकट की। उन्‍होंने ट्वीट कर कहा- द्वारका शारदा पीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती जी के निधन से अत्यंत दुख हुआ है। शोक के इस समय में उनके अनुयायियों के प्रति मेरी संवेदनाएं। ओम शांति....

वहीं  शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती के निधन पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शोक प्रकट करते हुए ट्वीट किया  'भगवान शंकराचार्य द्वारा स्थापित पश्चिम आम्नाय श्रीशारदापीठ के पूज्य शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के प्राणांत की सूचना अत्यंत दुःखद है। पूज्य स्वामी जी सनातन धर्म के शलाका पुरुष एवं सन्यास परम्परा के सूर्य थे। भारतीय ज्ञान परम्परा में आपके अतुलनीय योगदान को अखिल विश्व अनंत वर्षों तक स्मरण रखेगा।  पूज्य शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती जी के चरणों में अनंत श्रद्धा के सुमन अर्पित करता हूँ।  ॐ शांति। '

शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद के पास बद्री आश्रम और द्वारकापीठ की जिम्मेदारी थी। उनका जब निधन हुआ तब वह अपने आश्रम में ही थे। बताया जाता है कि स्वामी स्वरूपानंद पिछले कई दिनों से बीमार चल रहे थे। उनका नरसिंहपुर जिले में स्थित झोतेश्वर आश्रम में ही इलाज चल रहा था। इधर जैसे ही स्वरूपानंद के बृह्मलीन में होने की खबर बाहर आई है, भक्तों में शोक की लहर दौड़ पड़ी। आश्रम पर उनके भक्तों की भीड़ जुटने लगी है। काफी संख्या में लोग झोतेश्वर आश्रम पर पहुंच गए हैं।