लखनऊ (डेस्क) - डिग्री लगाकर अस्पताल व लैब खोलने का लाइसेंस लेना अब आसान नहीं होगा। निजी अस्पतालों को अब गेट पर पर डॉक्टरों का नाम, फोटो, मोबाइल नंबर के साथ उनका पूरा डेटा चस्पा करना होगा। इमरजेंसी मेडिकल अफसर किस विधा के हैं, इसका भी जिक्र करना होगा।
सीएमओ ऑफिस की टीम के निरीक्षण में कई जगह यह पाया गया कि निजी अस्पतालों की इमरजेंसी में एमबीबीएस डॉक्टर के बजाय आयुर्वेद-यूनानी डॉक्टर इलाज कर रहे हैं। अब इमरजेंसी में चिकित्सकीय कार्य करने वाले ईएमओ की 24 घंटे ड्यूटी का रोस्टर, मुख्य द्वार पर नाम, मोबाइल नंबर हर दिन प्रदर्शित करना होगा। चिकित्सालय में पंजीकृत पैरामेडिकल स्टाफ से ही कार्य लिया जाए। इसके साथ ही EMO यानी इमरजेंसी मेडिकल अफसर की स्पेशलिटी क्या है और उनसे जुड़ी अन्य डिटेल भी बोर्ड पर दर्ज करना अनिवार्य किया गया है।