“विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस” के मौके पर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित



  • मानसिक अस्वस्थता को लोग स्वीकार करें और सही समय पर इलाज कराएं  
  • तनाव से बचना है तो परस्पर संवाद बहुत जरूरी

लखनऊ - “विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस” के मौके पर बलरामपुर जिला अस्पताल में सोमवार को जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया । राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डा. राजेंद्र कुमार चौधरी ने कहा कि मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से हर साल 10 अक्टूबर को विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस मनाया जाता है । इस साल इस दिवस की थीम है "सभी के लिए मानसिक स्वास्थ्य व कल्याण को वैश्विक प्राथमिकता बनाइये।" उन्होंने कहा कि लोग जल्द स्वीकार नहीं करते हैं कि वह मानसिक तौर पर अस्वस्थ हैं । ऐसे लोगों की हमें सही समय, सही जगह, सही व्यक्ति से सही जांच और परामर्श करवाना चाहिए ।

सायोनि इंस्टिट्यूट ऑफ सायकोलोजी और एलाइड साइंसेज की उपनिदेशक डा. मधुबाला ने कहा कि जीवन शैली में सुधार कर और तनाव, गुस्सा, नकारात्मक  विचारों आदि का प्रबंधन कर मानसिक रोगों से दूर रह सकते हैं । उन्होंने कहा कि जिस तरह से हम डायबिटीज, ब्लड प्रेशर सहित अन्य बीमारियों के लिए समय समय पर  जांच कराते हैं उसी तरह से हमें समय समय पर मनोरोग विशेषज्ञ और परामर्शदाता के पास जाकर मानसिक स्वास्थ्य संबंधी जांच करानी चाहिए ।

स्प्रिंग डेल कॉलेज की क्लीनिकल मनोवैज्ञानिक एवं परामर्शदाता डा. कविता उपाध्याय ने कहा कि मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्या केवल व्यस्कों में  ही नहीं बल्कि बच्चों में भी होती है । व्यस्क हों या बच्चे  तनाव का मुख्य कारण समुचित संवाद  का अभाव होता है । बच्चों का माता-पिता के साथ संवाद न होना, इसी तरह माता-पिता का बच्चों के साथ संवाद का अभाव, शिक्षकों का बच्चों के संवाद का अभाव, बच्चों पर अधिक नंबर लाने का दबाव, करियर अपनाने का दबाव जैसी बातें बच्चों में तनाव उत्पन्न करती हैं । हमें बच्चों के साथ बातचीत करनी चाहिए, उनकी पसंद और क्षमता को पहचाने उसे अनुसार ही करियर अपनाने के लिए प्रेरित करें, उन पर दबाव ने डालें, वास्तविकता को पहचाने ।

कार्यक्रम के अंत में अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. बिमल बैसवार ने कार्यक्रम में आए अतिथियों को धन्यवाद ज्ञापित किया । इस मौके पर अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. अनूप कुमार श्रीवास्तव, उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. के. डी.मिश्रा, जिला स्वास्थ्य शिक्षा एवं सूचना अधिकारी योगेश रघुवंशी, जिला कार्यक्रम प्रबंधक सतीश यादव, जिला समुदाय प्रक्रिया प्रबंधक विष्णु प्रताप, मनोचिकित्सक डा. अभय, प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के जिला समन्वयक सुधीर वर्मा, जिला तंबाकू उन्मूलन कार्यक्रम के जिला कंसल्टेंट डा. मयंक चौधरी, डा. गरिमा, जिला तंबाकू उन्मूलन केंद्र की सलाहकार डा. रजनीगंधा, डाटा एंट्री ऑपरेटर कपिल,  सामाजिक कार्यकर्ता रवि,  प्राथमिक स्वास्थ्य के प्रभारी,  जिला मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम की टीम, बलरामपुर अस्पताल के चिकित्सक, नर्सेज और अन्य कर्मचारी, बचपन डे केयर से विजयलक्ष्मी  और सीफॉर की प्रतिनिधि  उपस्थित रहीं ।