मातृत्‍व स्‍वास्‍थ्‍य के क्षेत्र में मिसाल बनीं रजनी



  • अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर पर्वतारोहण में भी मुकाम बना चुकी हैं एएनएम रजनी
  • अरबन पीएचसी मगहर में तैनाती के बाद से ही कराए 47 सामान्‍य प्रसव
  • गर्भवती को देती हैं उचित सलाह, आशा कार्यकर्ताओं को भी करती हैं प्रोत्‍साहित


संतकबीरनगर - अन्तर्राष्‍ट्रीय स्‍तर पर पर्वतारोहण में बेहतर मुकाम स्‍थापित करने वाली तथा नगरीय प्राथमिक स्‍वास्‍थ्‍य केन्‍द्र मगहर में एएनएम के रुप में तैनात रजनी शाव मातृत्‍व स्‍वास्‍थ्‍य में भी बेहतर कार्य कर रही हैं। कार्यस्‍थल पर उन्‍होने 47 गर्भवती का सामान्‍य प्रसव कराया है। स्‍वास्‍थ्‍य केन्‍द्र पर आने वाली गर्भवती को वह उचित परामर्श भी देती हैं,  जिसके चलते वह स्‍वास्‍थ्‍य केन्‍द्र पर काफी लोकप्रिय हैं।

अरबन कोआर्डिनेटर सुरजीत सिंह बताते हैं कि जिले में दो नगरीय प्राथमिक स्‍वास्‍थ्‍य केन्‍द्र हैं। इसमें से नगरीय प्राथमिक स्‍वास्‍थ्‍य केन्‍द्र मगहर पर अभी तक कुल 144 सामान्‍य प्रसव हुए हैं। इनमें से 47 अकेले रजनी साव के द्वारा ही कराए गए हैं। उनका काम काफी बेहतर है। वह प्रसव कराने के साथ ही स्‍वास्‍थ्‍य केन्‍द्र पर आने वाली महिलाओं को परिवार नियोजन के बारे में भी सलाह देती हैं। उन्‍हें आईयूसीडी तथा पीपीआईयूसीडी लगवाने के लिए भी प्रेरित करती हैं। उन्‍होने 62 आईयूसीडी तथा 43 पीपीआईयूसीडी भी लगवाया है।

मगहर की आशा कार्यकर्ता प्रेमलता बताती हैं कि रजनी  के आने के बाद से रात्रि में भी केन्‍द्र पर प्रसव कराने में कोई असुविधा नहीं होती है। उनका व्‍यवहार मरीजों के प्रति काफी मधुर होता है। हम लोगों को भी वह हमेशा गर्भवती, प्रसूता तथा बच्‍चों की देखभाल के लिए प्रेरित करती रहती हैं तथा उचित सलाह देती हैं। उनके आने से काम में काफी सहूलियत होती है।

मगहर के तकिया बाजार की रहने वाली 26 वर्षीया उषा बताती हैं कि पिछले नवम्‍बर माह में उनका प्रसव रात में 11 बजे रजनी की देखरेख में ही हुआ था। वह बताती हैं, ‘‘उन्‍होने मेरे भय को दूर करते हुए उन्‍होने मेरा सामान्‍य रुप से प्रसव कराया था। मैं समय समय पर अस्‍पताल जाती हूं और नियमित रुप से उनसे परामर्श भी लेती हूं।’’

एसीएमओ आरसीएच डॉ मोहन झा कहते हैं कि जिले की एएनएम को रजनी से प्रेरणा लेने की आवश्‍यकता है। पर्वतारोहण के साथ ही मातृत्‍व स्‍वास्‍थ में भी अच्‍छा काम कर रही हैं।

रात्रि काल में प्रसव में होती हैं चुनौतियां : रजनी बताती हैं कि उनकी  ड़यूटी रात्रि में ही होती है। वह बताती हैं,  ‘‘दिन में मैं शारीरिक व्‍यायाम करती हूं तथा रात्र‍ि में डयूटी करती हूं। अस्‍पताल में आने वाली आशा कार्यकर्ता चाहती हैं कि मैं ही प्रसव कराऊं। चूंकि अस्‍पताल परिसर में रहती हूं, इसलिए दिन में भी आशा कार्यकर्ता बुलाने चली आती हैं। रात्र‍ि में कई बार जटिल प्रसव की स्थिति में ऑन काल चिकित्‍सक को भी बुलाना पड़ता है। चुनौतियों के बीच कार्य करना अच्‍छा लगता है।’’

स्‍तनपान को देती हैं बढ़ावा : रजनी महिलाओं में स्‍तनपान को भी बढ़ावा देती हैं। प्रसव के बाद वह प्रसूताओं से एक घंटे के भीतर बच्‍चों को मॉ के पहले गाढ़े दूध को पिलाने के लिए प्रेरित करती हैं। इसके साथ ही वह उन्‍हें स्‍तनपान के महत्‍व को समझाते हुए पहले 6 महीने तक बच्‍चों को केवल मॉ का दूध पिलाने के लिए भी प्रोत्‍साहित करती हैं। वह माताओं को बताती हैं कि अपने पाल्‍यों को दूध के अतिरिक्‍त कुछ भी न दें। यहां तक कि पानी भी न दें।

पर्वतारोहण में किया है नाम रोशन : रजनी साव एक बेहतर पर्वतारोही हैं। उन्‍होने हिमांचल प्रदेश में स्थित माउंट युनुम की 6111 मीटर की चोटी पर पहुंच कर तिरंगा फहराया । स्वतंत्रता दिवस पर 15 अगस्‍त 2022 के दिन रजनी पर्वत की चोटी पर पहुंची थीं। धनघटा तहसील के करमा गांव की रहने वाली रजनी इससे पहले अफ्रीका के किलिमंजारो पर्वत की चोटी पर भी सफलता का  झंडा गाड़ चुकी है। गांव में पली-बढ़ी रजनी को हमेशा से ऊंची चोटियां आकर्षित करती रही हैं। माउंट यूनुम चोटी पर जाते समय जिले डीएम व तत्‍कालीन सीएमओ ने उन्‍हें झंडा देकर विदा किया था। वह माउंट एवरेस्‍ट भी फतह करना चाहती हैं।