आसाराम को उम्रकैद की सजा, 2013 में दो बहनों ने दर्ज कराया था केस



नई दिल्ली (डेस्क) - स्वयंभू संत आसाराम को एक शिष्या के साथ बलात्कार के जुर्म में गुजरात के गांधीनगर स्थित सत्र अदालत ने उम्र कैद की सज़ा सुनाई है। सत्र न्यायालय के न्यायाधीश डीके सोनी ने वर्ष 2013 में दर्ज इस रेप केस में सोमवार को आसाराम को दोषी पाया था, जबकि आसाराम की पत्नी समेत छह अन्य लोगों को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया था। सत्र न्यायालय के न्यायाधीश डीके सोनी ने वर्ष 2013 में दर्ज इस केस में आसाराम पर 23 हज़ार का जुर्माना भी लगाया है। वहीं पीड़िता को 50 हजार रुपये का मुआवज़ा देने का आदेश दिया है।  इस मामले में अहमदाबाद के चांदखेड़ा पुलिस थाने में FIR दर्ज हुई थी।

दो बहनों में से छोटी ने आसाराम के बेटे नारायण साईं और बड़ी बहन ने आसाराम के खिलाफ रेप की शिकायत दर्ज कराई थी।बड़ी बहन की शिकायत गांधीनगर ट्रांसफर होने के कारण आसाराम पर गांधीनगर में मुकदमा चला, जिसमें सोमवार को कोर्ट ने आसाराम को दोषी करार दिया है। सरकारी वकील आरसी कोडेकर और सुनील पंड्या ने यह जानकारी दी है। बता दें कि आसाराम बापू वर्तमान में जोधपुर जेल में है। वहीं, सूरत की अदालत में नारायण साईं के खिलाफ एक अलग मुकदमा चल रहा है।