लखनऊ - केंद्र सरकार द्वारा डेंगू, चिकुनगुनिया और मलेरिया के प्रबंधन और इलाज के लिए नए दिशा निर्देश जारी किए गए हैं । इसी क्रम में शुक्रवार को जनपद के निजी अस्पतालों के चिकित्सकों को इन दिशा निर्देशों के बारे में जानकारी देने के लिए एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित हुआ । यह प्रशिक्षण कार्यक्रम स्वास्थ्य विभाग के तत्वावधान एवं गोदरेज और पाथ-सीएचआरआई संस्था के सहयोग से आयोजित हुआ ।
इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में जनपद के सभी निजी चिकित्सालयों से विशेषज्ञ चिकित्सक, फिजीशियन एवं इमरजेंसी मेडिकल ऑफिसर शामिल हुए। प्रशिक्षण में किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय से डॉ. अम्बुज यादव और राम मनोहर लोहिया चिकित्सा संस्थान से सहायक प्रोफेसर डॉ. निखिल गुप्ता द्वारा प्रशिक्षण दिया गया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. मनोज अग्रवाल ने कहा कि किसी भी बीमारी के प्रबंधन और इलाज में सरकारी के साथ निजी चिकित्सकों की भूमिका भी अहम है। इसी क्रम में डेंगू, मेलरिया, चिकुनगुनिया जैसी बीमारियाँ हैं जिनके सही प्रबंधन और इलाज से किसी भी अनहोनी घटना को होने से रोका जा सकता है। इन बीमारियों पर संयुक्त प्रयासों के माध्यम से ही काबू पाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि लखनऊ में आस-पास के 15 जिलों से लोग सरकारी और निजी दोनों ही अस्पतालों में इलाज के लिए जाते हैं। ऐसे में इलाज के नए प्रोटोकॉल पर दिया गया यह प्रशिक्षण फायदेमंद साबित होगा और यह पहली बार हो रहा है कि किसी जिले में निजी चिकित्सालयों के चिकित्सकों को शामिल करते हुए नवीन उपचार प्रोटोकॉल पर प्रशिक्षण कराया गया है। उन्होंने प्रशिक्षण के आयोजन को लेकर गोदरेज सी.एस.आर. और स्वयंसेवी संस्था पाथ-सीएचआरआई का धन्यवाद किया। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि इन बीमारियों के नियंत्रण पर समुदाय की भागीदारी भी बहुत जरूरी है।
वेक्टरजनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डा. गोपी लाल ने बताया कि इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के बाद सरकारी और निजी दोनों ही चिकित्सालयों में डेंगू और चिकनगुनिया के इलाज के नवीन प्रोटोकॉल के लागू होने के बाद रोगियों को और बेहतर और एक समान इलाज मिल सकेगा।
जिला मलेरिया अधिकारी डा. रितु श्रीवास्तव ने बताया कि बुखार के मरीज की मलेरिया जांच की जानी चाहिए और जो पॉजिटिव हों उन्हें त्वरित और पूर्ण उपचार शुरू करें ताकि हम रोग के संचरण की चेन को तोड़ सकें। डेंगू में तेज बुखार के साथ सिर दर्द, ऑखों के आस-पास और जोड़ों में दर्द होता है, आँखें लाल हो जाती हैं | गंभीर स्थति में नाक और मसूड़ों से खून भी आने लगता है।
पाथ-सीएचआरआई के आईवीएम समन्वयक आशीष कुमार वर्मा ने कहा कि संचारी रोगों के उपचार के नवीन प्रोटोकॉल की जानकारी से सरकारी और निजी दोनों ही अस्पतालों के मरीजों को लाभ मिलेगा।
कार्यक्रम के अंत में जिला मलेरिया अधिकारी और उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ निशांत निर्वाण ने कार्यक्रम में आए अतिथियों, प्रशिक्षकों एवं प्रशिक्षणार्थियों का धन्यवाद किया।
इस मौके पर उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. के.डी.मिश्रा, जिला स्वास्थ्य शिक्षा एवं सूचना अधिकारी योगेश रघुवंशी, पाथ-सीएचआरआई से राज्य तकनीकी अधिकारी डेंगू एवं चिकुनगुनिया डा. शिवानी सिंह, राज्य तकनीकी अधिकारी मलेरिया डॉ. अमृत शुक्ला, स्टेट एमएंडई अधिकारी राहुल कुमार, पूरी टीम सहित कुल 60 निजी चिकित्सकों ने प्रतिभाग किया।