शून्य से पाँच वर्ष तक के 5.96 लाख बच्चे पिएंगे दो बूँद ज़िन्दगी की



  • 10 दिसम्बर से चलने वाले पल्स पोलियो अभियान के सफल क्रियान्वयन को लेकर दिया गया प्रशिक्षण
  • हर बच्चा - हर बार, पोलियो की दवा बार-बार

कानपुर नगर : पल्स पोलियो अभियान में इस बार 5.96 लाख से अधिक बच्चों को दवा पिलाई जाएगी। अभियान का बूथ दिवस पर 10 दिसम्बर रविवार को आयोजित होगा। अभियान के सफ़ल क्रियान्वयन के लिए बुधवार को प्रशिक्षकों का प्रशिक्षण आयोजित हुआ। रामदेवी स्थित मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) सभागार में आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रम की अध्यक्षता जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ यूबी सिंह ने की। डॉ सिंह ने कहा कि इस बार पोलियो बूथ पर ही ज्यादा से ज्यादा लोग आएं इस दिशा में कार्य किया जाए।

डॉ सिंह ने बताया कि जनपद में अभियान के 10 दिसम्बर को करीब 2149 बूथ बनाए जाएंगे, जहां बच्चों को दवा पिलाई जाएगी। इसके बाद 11 से 15 दिसम्बर तक टीम घर घर जाकर शून्य से पांच वर्ष तक के बच्चों को पोलियो ड्रॉप पिलाएंगी। इसके लिए 1850 टीम बनाई गई हैं जो लक्षित 5.96 लाख बच्चों को दवा पिलाने का कार्य करेंगी। इसके लिए 10.35 लाख घरों को लक्षित किया गया हैं। टीम की मॉनिटरिंग के लिए 580 सुपरवाइजर बनाये गये हैं। । इसके अलावा जिला स्तर पर जिला स्तरीय अधिकारी भी पल्स पोलियो टीम का औचक निरीक्षण करेंगे। रोजाना शाम को ब्लाक स्तर के नोडल अधिकारियों द्वारा अभियान का फीडबैक लिया जाएगा और अभियान की समीक्षा होगी।

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के सर्विलांस मेडिकल ऑफिसर डॉ हेमंत ने प्रशिक्षण देते हुए कहा कि अभियान के दौरान नवजात शिशु को पोलियो की खुराक पिलाने पर विशेष ध्यान दिया जाए एवं खुराक पिलाने के पश्चात नियमित टीकाकरण की ड्यू लिस्ट में समाहित किया जाये। मुख्य ट्रांजिट स्थलों जैसे बस स्टैंड रेलवे स्टेशन एवं चौक चौराहों से गुजरने वाले बच्चों पर विशेष ध्यान देते हुए प्रतिरक्षण सुनिश्चित किया जाए। ट्रांजिट स्थलों पर प्रशिक्षित टीका कर्मियों को ही कार्य पर लगाया जाएगा।

इस दौरान समस्त शहरी व ग्रामीण स्वास्थ्य केंद्रों के मेडिकल ऑफिसर्स सहित सहयोगी संस्था डब्ल्यूएचओ, यूनिसेफ और यूएनडीपी के प्रतिनिधि भी मौजूद रहे।  

माइक्रोप्लान बनाने का दिया गया है निर्देश : अभियान को सफल बनाने के लिए मुख्य ट्रांजिट स्थलों पर कार्य करने वाले टीकाकर्मियों के चयन एवं प्रशिक्षण पर विशेष ध्यान देने, आबादी की निगरानी करते हुए उनके बच्चों को पोलियो खुराक पिलाने पर विशेष ध्यान देने संबंधी माइक्रो प्लान तैयार करने को कहा गया है। अभियान के दौरान दूर-दराज के क्षेत्रों के बच्चों को विशेष रूप से पोलियो की खुराक पिलाई जाएगी। इसकी निगरानी के लिए विशेष टीम का गठन होगा।

पिछले पोलियो चक्र की उपलब्धि : ओपीवी यानि ओरल पोलियो वैक्सीन संस्थागत प्रसव के दौरान इसे जन्म के समय मुंह से दिया जाता है, फिर प्राथमिक तीन खुराकों को छह, दस और चौदह सप्ताह और एक बूस्टर खुराक सौलह से चौबीस महीने की आयु में दी जाती है। पांच साल की उम्र में दूसरा बूस्टर डोज दी जाती है। इसी वर्ष मई माह में चले पोलियो चक्र में शून्य से पाँच वर्ष तक के कुल  5.43 लाख बच्चों को पोलियो से प्रतिरक्षित किया गया