पीएमएमवीवाई के पंजीकरण के लिए आज से दो दिवसीय अभियान



लखनऊ। प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना(पीएमएमवीवाई) 2.0  के अंतर्गत विशेष पंजीकरण अभियान 30 नवंबर से एक दिसंबर तक चलेगा यह जानकारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. मनोज अग्रवाल ने दी। उन्होंने बताया कि पीएमएमवीवाई योजना में बदलाव हुआ है।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने योजना में बदलाव की जानकारी देते हुए बताया कि पीएमएमवीवाई 2.0 में अब  तीन किस्तों में मिलने वाले पांच हजार रुपए दो किस्तों में मिलेंगे। पहले, प्रथम किस्त के रूप में 1000 रुपये, दूसरी किस्त के रूप में (गर्भावस्था के छह माह बाद) 2000 रुपये और बच्चे के जन्म का पंजीकरण होने और बच्चे के प्रथम चक्र का टीकाकरण पूरा होने पर तीसरी किस्त के रूप में 2000 रुपये दिए जाते थे। अब यह धनराशि दो किस्तों में मिलेगी। प्रथम किस्त (तीन हजार रुपये) प्रसव पूर्व कम से कम एक जांच होने पर और दूसरी किस्त (दो हजार रुपये) बच्चे के जन्म का पंजीकरण होने, बच्चे के प्रथम चक्र का टीकाकरण पूरा होने पर मिलेगी।  जिसके तहत  पहली बार मां बनने वाली गर्भवती एवं दूसरी बार मां बनने पर कन्या पैदा होने के पश्चात पेन्टा थर्ड का टीकाकरण पूर्ण होने पर फॉर्म भरा जाएगा। दूसरा बच्चा अगर कन्या है और वह  एक अप्रैल 2022 के बाद पैदा हुई है  तो उसका फॉर्म 31 दिसंबर 2023 तक भरा जा सकता है। उसके पश्चात फॉर्म  अंतिम मासिक चक्र के  570 दिनों तक ही भरा जाएगा।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने कहा कि पात्र लाभार्थी इस अभियान का लाभ उठायें और अपना पंजीकरण कराएं। पीएमएमवीवाई के नोडल अधिकारी डा. आर.एन.सिंह ने बताया कि योजना का लाभ लेने के लिए आवश्यक दस्तावेज हैं - माँ का आधार कार्ड, एमसीपी कार्ड, प्रसवपूर्व जांच की तारीख, आदि। इसके अलावा आठ लाख से कम आय की स्थिति में आय प्रमाण पत्र या बीपीएल राशन कार्ड या ई-श्रम कार्ड या आयुष्मान कार्ड या मनरेगा कार्ड आवश्यक होगा। महिला किसान की स्थिति में लाभार्थी को किसान सम्मान निधि का लाभार्थी होना जरूरी है।  यदि लाभार्थी दिव्यांग है तो 40 फीसद से अधिक दिव्यांगता की स्थिति में  प्रमाण पत्र जरूरी होगा | इसके अलावा यदि लाभार्थी अनुसूचित जाति या जनजाति से है तो उस स्थिति में  जाति प्रमाण पत्र जरूरी है। आधार कार्ड का बैंक खाते के साथ लिंक होना आवश्यक है | जिसके बाद  लाभार्थी को 3000 रुपये की पहली किस्त और बच्चे के जन्म के बाद दूसरा फॉर्म भरने पर 2000 रुपये मिलेगा। गर्भवती और धात्री आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता तथा सहायिका भी इस योजना का लाभ उठा पायेंगी।

इसके अलावा दूसरी बार गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिला को दूसरा शिशु बालिका होने पर 6000 रुपये का एकमुश्त भुगतान किया जाएगा। इसके लिए लाभार्थी को बच्चे का टीकाकरण कार्ड सहित अन्य सभी पहचान पत्र जो ऊपर दिए गए हैं उसके सत्यापन के बाद ही 6000 रुपये का एकमुश्त भुगतान किया जाएगा। इसके साथ ही बच्चे का जन्म  एक अप्रैल 2022 या उसके बाद हुआ हो। सरकारी कर्मचारी इस योजना का लाभ नहीं उठा पाएंगे।

नोडल अधिकारी ने जानकारी दी कि योजना का लाभ पाने के लिए पिता के आधार कार्ड की अनिवार्यता खत्म कर दी गयी है। योजना में पहले पिता का आधार कार्ड होना अनिवार्य था | उन्होंने कहा इससे अब उन महिलाओं को भी लाभ मिल सकेगा जो तलाकशुदा और सिंगल मदर हैं। केवल मां के आधार कार्ड पर योजना का लाभ मिल सकेगा।

पीएमएमवीवाई का फॉर्म भरने के संबंध में अधिक जानकारी के लिए लाभार्थी  अपने क्षेत्र की आशा/ए एन‌ एम से संपर्क करें।

योजना के जिला कार्यक्रम समन्वयक सुधीर कुमार वर्मा ने बताया कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए), 2013 की धारा 4 के तहत प्रावधानों के अनुसार योजना का उद्देश्य गर्भवती और स्तनपान कराने वाली माताओं के स्वास्थ्य में सुधार को वित्तीय सहायता प्रदान करना है। इसका उद्देश्य मां और बच्चे के लिए पोषण के साथ-साथ मजदूरी के नुकसान के लिए आंशिक मुआवजे के लिए प्रोत्साहन प्रदान करना है। योजना के तहत मिलने वाली धनराशि लाभार्थी के बैंक खाते में सीधे ट्रांसफर की जाती है। योजना का लाभ पाने के लिए अपने क्षेत्र की आशा कार्यकर्ता एवं एएनएम से संपर्क करें।