बच्चों की रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में विटामिन-ए सहायक



  • जनपद में ‘बाल स्वास्थ्य पोषण माह’ अभियान आज से
  • नौ माह से पांच वर्ष तक के करीब 3.80 लाख बच्चों को पिलायी जायेगी ‘विटामिन ए’
  • बच्चों को कुपोषण मुक्त करने व रतौंधी से बचाव को विटामिन 'ए' जरूरी - सीएमओ

कानपुर नगर - ‘विटामिन ए संपूरण’ कार्यक्रम के रूप में 27 दिसम्बर से ‘बाल स्वास्थ्य पोषण माह’ मनाया जाएगा। इस दौरान जनपद के नौ माह से पाँच वर्ष तक के करीब 3.80 लाख बच्चों को विटामिन ए की खुराक दी जायेगी । इस संबंध में मंगलवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय स्थित आरसीएच हाल में सीएमओ डॉ आलोक रंजन की अध्यक्षता में ‘बाल स्वास्थ्य पोषण माह’ की तैयारियों और कार्ययोजना को लेकर बैठक आयोजित की गई।

इस मौके पर सीएमओ ने बताया कि विटामिन ए की खुराक बच्चों को कुपोषण मुक्त करने और उनमें रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में सहायक है। उन्होंने बताया कि विटामिन-ए आंखों की बीमारियों जैसे रतौंधी, अंधता से बचाव के साथ बच्चों में शारीरिक रोग प्रतिरोधक क्षमता वृद्धि के लिए आवश्यक है। विटामिन-ए की खुराक देने से बच्चों में दस्त एवं निमोनिया बीमारियों के घातक प्रभाव में कमी लाई जा सकती है। विटामिन-ए पाँच वर्ष से कम उम्र के बच्चों की मृत्यु दर में भी कमी लाता है।

उन्होंने कहा कि ‘बाल स्वास्थ्य पोषण माह’ साल में दो बार चलाया जाता है। अभियान का पहला चरण अगस्त में चलाया गया, इसमें लक्ष्य के सापेक्ष करीब 88 प्रतिशत बच्चों को विटामिन ए की खुराक पिलाई गई। 27 दिसम्बर से शुरू होने वाले अभियान में नौ माह से पाँच वर्ष तक के बच्चों को निर्धारित मात्रा में विटामिन ए की खुराक पिलायी जायेगी। इसके साथ ही सत्र पर नौ से 12 माह के बच्चों को मीजिल्स-रूबेला (एमआर) का प्रथम टीका और 16 से 24 माह के बच्चों को एमआर के दूसरे टीके पर भी ज़ोर दिया जाएगा।

जिला प्रतिरक्षण अधिकारी और अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ यूबी सिंह ने बताया कि अभियान में नौ से 12 माह के 23,393 बच्चों, एक से दो वर्ष के 88,153 और दो से पाँच वर्ष के 2,68,609 लाख बच्चे शामिल हैं। उन्होंने बताया कि विटामिन-ए वसा में घुलनशील विटामिन है जो शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने का काम करता है। आहार में विटामिन-ए युक्त आहार को शामिल करना जरूरी है। यह सूक्षम पोषण तत्व बच्चों के विकास में मदद करता है। इसमें एंटी ऑक्सीडेंट गुण भी हैं जो रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने का कार्य करते हैं। उन्होंने शत-प्रतिशत उपलब्धि हासिल करने के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया।

इस मौके पर डिप्टी सीएमओ डॉ राजेश्वर सिंह, जिला सामुदायिक प्रक्रिया प्रबंधक, सभी ब्लॉक के समस्त अधीक्षक व प्रभारी चिकित्साधिकारी, स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी, बीपीएम, बीसीपीएम एवं सहयोगी संस्था डब्ल्यूएचओ, यूनिसेफ, यूएनडीपी के प्रतिनिधि सहित अन्य अधिकारी व स्वास्थ्यकर्मी मौजूद रहे।