- नुक्कड़ नाटक के माध्यम से शिक्षकों और विद्यार्थियों को फ़ाइलेरिया के बारे में किया जागरूक
लखनऊ - गणतंत्र दिवस पर शुक्रवार को सरोजिनीनगर स्थित राजकीय यूपी सैनिक स्कूल में सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित हुआ। इसके साथ ही छात्र- छात्राओं ने इस मौके पर स्वयंसेवी संस्था सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च (सीफॉर) के सहयोग से फाइलेरिया बीमारी के बारे में उपस्थित लोगों को जागरूक किया। इसी क्रम में छात्राओं द्वारा स्टैंडी, बैनर आदि प्रचार सामग्री द्वारा नुक्कड़ नाटक मंचित किया गया ।
कार्यक्रम का शुभारंभ झंडारोहण से हुआ । राष्ट्रगान और देश भक्ति से भरे गीतों की प्रस्तुति हुई । छात्राओं ने नुक्कड़ नाटक के माध्यम से फाइलेरिया के बारे में बताया कि इसे हाथी पाँव भी कहते हैं । यह बीमारी ठीक नहीं होती है और व्यक्ति को जीवन भर के लिए दिव्यांग बना देती है । फाइलेरिया का केवल प्रबंधन ही किया जा सकता है । इस बीमारी से बचना है तो सर्वजन दवा सेवन (आईडीए) के अभियान के तहत लोगों को फाइलेरिया से बचाव की दवा का सेवन करना जरूरी है | यह आईडीए अभियान 10 से 28 फरवरी तक चलेगा । इस अभियान के तहत तीन दवाएं आइवरमेक्टिन, डाईइथाईलकार्बामजीन और एल्बेंडाजोल खिलाई जाएगी ।
आईडीए के तहत लगातार तीन साल तक साल में एक बार फाइलेरियारोधी दवा का सेवन कर इस बीमारी से बचा जा सकता है । यह दवा दो साल से कम आयु के बच्चों, गर्भवती और गंभीर बीमारी से पीड़ित को छोड़कर सभी को खानी है | यह दवा पूरी तरह सुरक्षित है। खाली पेट दवा का सेवन नहीं करना है।
कार्यक्रम के अंत में विद्यालय के प्रधानाध्यापक विनोद कुमार ने कहा कि नुक्कड़ नाटक के माध्यम से हम सभी को फाइलेरिया के बारे में जो जानकारी दी गई वह बिल्कुल नयी थी । फाइलेरियारोधी दवा खाई जाती है इसकी जानकारी तो थी लेकिन यह बीमारी मच्छर से होती है और व्यक्ति को आजीवन दिव्यांग बना देती है, यह नहीं पता था । हम फाइलेरियारोधी दवा जरूर खाएंगे और अपने घर पर सभी को खिलाएंगे।
कक्षा नौ की छात्रा जानवी ने कहा कि फाइलेरिया का केवल नाम ही सुना था । इसके बारे में जानकारी मिलने के बाद इसे घर, दोस्तों और अन्य जानने वालों को बताएंगे । हम दवा जरूर खाएंगे और अन्य लोगों को भी खाने के लिए प्रेरित करेंगे।