परिवार नियोजन सेवाओं की पहुँच बढ़ाने के लिए बेहतर काउंसलिंग जरूरी - अपर निदेशक स्वास्थ्य



  • कानपुर मण्डल के परिवार नियोजन काउंसलर का हुआ एक दिवसीय ओरिएंटेशन
  • लाभार्थी की बात व समस्या सुनें तथा सरल, स्पष्ट व स्थानीय भाषा में करें चर्चा
  • बास्केट ऑफ च्वोइस की दें जानकारी, व्यवहार परिवर्तन कर उपलब्ध कराएं सेवा   

कानपुर - परिवार कल्याण कार्यक्रम के सेवाओं की पहुँच बढ़ाने के लिए लाभार्थियों को बेहतर काउंसलिंग (परामर्श) की आवश्यकता है। काउंसलिंग बहुत ही मत्वपूर्ण हिस्सा है जो परिवार कल्याण कार्यक्रम में अहम भूमिका निभाता है। लाभार्थी के साथ एकांत जगह पर गोपनियता के साथ सरल, स्पष्ट व स्थानीय भाषा में चर्चा करें। लाभार्थी के पूर्व के इतिहास को जानते हुये उसकी पूरी समस्याएं सुनें और उचित परामर्श दें। इसके बाद उसकी इच्छानुसार परिवार नियोजन की बास्केट ऑफ च्वोइस से साधन उपलब्ध कराएं।

यह बातें कानपुर मण्डल की अपर निदेशक (चिकित्सा व स्वास्थ्य) डॉ रचना गुप्ता ने कहीं। वह बड़ा चौराहा स्थित जिला महिला चिकित्सालय, डफ़रिन के प्रशिक्षण सभागार में शुक्रवार को आयोजित मण्डल स्तरीय परिवार नियोजन काउंसलर (परामर्शदाता) की एक दिवसीय ओरिएंटेशन (अभिमुखीकरण) कार्यशाला को संबोधित कर रही थीं। उन्होंने कहा कि कानपुर मण्डल के विभिन्न सरकारी चिकित्सालयों तथा प्राथमिक व सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर परिवार नियोजन काउंसलर तैनात हैं। इन्हें समय-समय पर प्रशिक्षण दिया जाता है जिससे वह लाभार्थियों को बेहतर सेवाएँ दे सकें। साथ ही एएनएम और आशा कार्यकर्ताओं को परिवार नियोजन के सभी साधनों जैसे महिला नसबंदी, पुरुष नसबंदी, पीपीआईयूसीडी, आईयूसीडी, अंतरा तिमाही गर्भनिरोधक इंजेक्शन, छाया साप्ताहिक गर्भनिरोधक गोली, आपातकालीन गर्भनिरोधक गोली, कंडोम आदि के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान करा सकें।

कानपुर मंडल की संयुक्त निदेशक डॉ विनीता राय ने कहा कि जमीनी स्तर पर लाभार्थियों को सेवाएं प्रदान कराने में आशा कार्यकर्ताओं का महत्वपूर्ण योगदान है। हर माह की आशा कलस्टर मीटिंग में एएनएम और आशा कार्यकर्ताओं को परिवार नियोजन के सभी साधनों के बारे में विस्तार से जानकारी दें। चिकित्सालयों और स्वास्थ्य केन्द्रों में बेहतर सेवाएँ प्रदान करना सुनिश्चित करें। सभी सीएचसी-पीएचसी पर परिवार नियोजन कॉर्नर बनाते हुये लाभार्थियों को परिवार नियोजन की बास्केट ऑफ च्वोइस के लिए सेवाएँ उपलब्ध कराएं। सभी परिवार नियोजन काउंसलर का ओब्जेक्टिव स्ट्रक्चर काउंसलिंग एग्जामिनेशन (ओएससीई) का प्रदर्शन 90 फीसदी के आसपास होना चाहिए, इससे ज्ञात होगा कि काउंसलर लाभार्थियों को बेहतर सेवाएं प्रदान करा रहा है।

ओरिएंटेशन में उत्तर प्रदेश तकनीकी सहयोग इकाई (यूपीटीएसयू) की प्रोग्राम स्पेशलिस्ट परवेज़ हुसैन और वरिष्ठ क्वालिटी एसोसिएट पार्वती पोखरिया ने सभी काउंसलर को परिवार नियोजन की गुणवत्तापूर्ण सेवाएँ प्रदान कराने के लिए विभिन्न बिन्दुओं पर प्रशिक्षण दिया। उन्होंने परामर्श क्या है, के बारे में विस्तार से बताया कि यह एक निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है जिसमें परामर्शदाता लाभार्थी के साथ मिलकर उसकी समस्याओं को हल करने में उनकी मदद करती हैं। आपसी बातचीत के कौशल का प्रयोग का लाभार्थी के साथ सरल व स्थानीय भाषा में विस्तार से चर्चा करें। लाभार्थी की समस्याओं पर समानुभूति नहीं बल्कि सहानुभूति के साथ बातचीत करें। बातों की गोपनियता जरूर रखें। समस्याओं और भ्रांतियों को दूर करते हुये उनका व्यवहार परिवर्तन करें। इसके अलावा बेसिक काउंसलिंग स्ट्रेटजी (बीसीएस) टूलकिट और ओब्जेक्टिव स्ट्रक्चर काउंसलिंग एग्जामिनेशन (ओएससीई) के बारे में विस्तार से जानकारी दी। साथ ही काउंसलिंग रजिस्टर, कार्ड, चेकलिस्ट आदि एक बारे में विस्तार से चर्चा की।

इस दौरान मण्डल के सभी जनपदों के परिवार नियोजन काउंसलर को प्रशिक्षित किया गया और उनकी सवालों और शंकाओं को दूर किया गया।

इस मौके पर जिला महिला चिकित्सालय की निदेशक डॉ सीमा श्रीवास्तव, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ रुचि जैन, एनएचएम/सिफ़प्सा के मण्डलीय प्रबन्धक राजन प्रसाद, मंडलीय परिवार नियोजन लॉजिस्टिक मैनेजर अर्जुन प्रजापति, पीएसआई इंडिया से अनिल द्विवेदी सहित मण्डल के जिला परिवार नियोजन विशेषज्ञ मौजूद रहे।