- तीन थीमों के साथ मानेगा पोषण पखवाड़ा
पहली थीम - पोषण भी पढ़ाई भी
दूसरी थीम - पोषण के दृष्टिगत जनजातीय, पारंपरिक एवं क्षेत्रीय पद्धतियों का उपयोग केंद्रित संवेदीकरण
तीसरी थीम - गर्भवती महिलाओं का स्वास्थ्य और शिशुओं एवं छोटे बच्चों का आहार
- पुस्तिका "मेरी आंगनबाड़ी का विमोचन"
लखनऊ - नौ से 23 मार्च तक चलने वाले "पोषण पखवारे" का शुभारंभ शनिवार को बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग के तत्वावधान तथा एचसीएल फाउंडेशन के सहयोग से विकास भवन सभागार में मुख्य विकास अधिकारी अधिकारी अजय जैन द्वारा किया गया।
शुभारंभ के दौरान मुख्य विकास अधिकारी ने उपस्थित सभी लोगों को "पोषण पखवाड़ा" से संबंधित तीन थीमों पर विशेष ध्यान आकर्षित करते हुए कार्य करने के निर्देश दिये । उन्होंने सभी से कहा कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को व्यक्तिगत रूप से सहयोग देकर तन्मयता से लगन के साथ काम करने को प्रेरित व उत्साहित करें तथा इस दौरान आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को लर्निंग कॉर्नर बनाने से संबंधित "मेरी आंगनबाड़ी पुस्तिका" का विमोचन किया। यह पुस्तिका आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों के सीखने से संबंधित भौतिक वातावरण तैयार करने व उसके महत्व पर आधारित है।
जिला कार्यक्रम अधिकारी राजेश कुमार द्वारा "पोषण पखवाड़ा" के अंतर्गत 'पोषण संवाद' में चर्चा के दौरान तीनों थीम पर आधारित गतिविधियों के सफल आयोजन और गुणवत्तापूर्ण क्रियान्वयन के मानकों पर सभी की समझ मज़बूत बनाने का प्रयास किया गया। उन्होंने कहा कि तीन थीमों के साथ पोषण पखवारा मनेगा ।
पहली थीम है - पोषण भी पढ़ाई भी', दूसरी थीम है - पोषण के दृष्टिगत जनजातीय, पारंपरिक एवं क्षेत्रीय पद्धतियों का उपयोग केंद्रित संवेदीकरण और तीसरी थीम है - गर्भवती महिलाओं का स्वास्थ्य और शिशुओं एवं छोटे बच्चों का आहार ।
एचसीएल फाउंडेशन के विनीत कुमार सिंह ने बताया कि लखनऊ के 500 आंगनबाड़ी केंद्रों में क्रिया कलाप से बालशिक्षण कार्यक्रम का संचालन किया जा रहा है। "पोषण पखवाड़ा" की पहली थीम 'पोषण भी पढ़ाई भी' के तहत लखनऊ की 500 आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को लर्निंग कार्नर बनाने पर आधारित ब्लॉक स्तर पर प्रशिक्षण दिया जाएगा। साथ ही 20 आंगनबाड़ी केन्द्रों को शालापूर्व शिक्षा की दिशा में मॉडल केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा।
सेन्टर फ़ॉर लर्निंग रिसोर्सेज से अनुज दुबे ने आंगनबाड़ी केंद्रों में लर्निंग कार्नर को किस तरह से आसानी से बनाया जा सकता है तथा उससे होने वाले फायदों पर सभी की समझ बनाने का प्रयास किया।
इस मौके पर यूनिसेफ से अनीता तथा बाल विकास परियोजना अधिकारी सीमांत श्रीवास्तव, जय प्रताप सिंह, विजय तिवारी, दिलीप सिंह मौजूद रहे।