- कहा- स्वास्थ्य-शिक्षा विभाग के संयुक्त प्रयास से संचारी रोगों पर भी लगेगी लगाम
- दोनों विभागों के सहयोग से यूपी राजकीय सैनिक स्कूल में हुई संवेदीकरण कार्यशाला
- छह इंटर कालेज के छात्र-छात्राओं ने किया प्रतिभाग, बनाए मनमोहक पोस्टर व पेंटिंग, विशेषज्ञों से पूछे सवाल
लखनऊ - प्रदेश में हीट स्ट्रोक के साथ ही मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया जैसी वेक्टर जनित बीमारियों के किसी भी मामले से निपटने के लिए स्वास्थ्य इकाइयां पूरी तरह तैयार हैं। स्वास्थ्य विभाग रोकथाम गतिविधियों के लिए अन्य विभागों और स्थानीय निकायों का सक्रिय सहयोग भी ले रहा है। शिक्षा विभाग हमारे सबसे अहम भागीदारों में से एक है। लोगों को गर्मी से संबंधित और वेक्टर जनित बीमारियों से बचने के लिए क्या करें और क्या न करें, के बारे में स्वयं जागरूक होना होगा और इसके प्रति पर्याप्त सावधानी बरतनी होगी। यह बात प्रमुख सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण पार्थ सारथी सेन शर्मा ने मंगलवार को स्वास्थ्य एवं शिक्षा विभाग के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित कार्यक्रम के संबंध में कही। वर्तमान में प्रदेश में बारह विभाग मिलकर हीट स्ट्रोक और वेक्टर जनित बीमारियों से निपटने के लिए विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान में सहयोग कर रहे हैं।
संचारी रोगों के प्रति सामुदायिक जागरूकता मजबूत करने के उद्देश्य से आयोजित इस कार्यक्रम में छह इंटर कालेज के 150 से अधिक छात्र-छात्राएं यूपी राजकीय सैनिक स्कूल में एकत्रित हुए। विशेषज्ञों ने उन्हें विभिन्न संचारी रोगों के लक्षण और बचाव के तरीके के बारे में बताया। छात्रों ने संचारी रोग नियंत्रण अभियान से जुड़े कई जानकारीपरक पोस्टर व मनमोहक पेंटिंग प्रदर्शित किए। स्कूल के पांच युवा चैंपियन कशिश, अंशिका, वर्षिका, आकांक्षा व प्राची, जिन्होंने बीते फरवरी में फाइलेरिया उन्मूलन अभियान का नेतृत्व किया था और स्कूल व स्वास्थ्य केंद्र में नुक्कड़ नाटक किए थे, को संयुक्त निदेशक मलेरिया डॉ विकास सिंघल ने सम्मानित किया।
डॉ सिंघल ने अपने उद्बोधन में बताया कि स्वास्थ्य विभाग संचारी रोगों की रोकथाम की जानकारी और गतिविधियों के लिए महत्वपूर्ण मंच के रूप में शैक्षणिक संस्थानों की ताकत का उपयोग कर रहा है। यदि युवा वर्ग पूरी तरह से जागरूक हो जाएगा और अपने आसपास बचाव के तरीकों पर ध्यान देने लगेगा तो हम संचारी रोगों पर अच्छी तरह से काबू पा लेंगे।
केजीएमयू की कम्युनिटी मेडिसिन की विभागाध्यक्ष डॉ मोनिका अग्रवाल ने कहा कि यह पहल केवल निवारक उपायों के बारे में नहीं है। यह हमारे युवाओं और उनके समुदायों को उनके स्वास्थ्य की जिम्मेदारी लेने के लिए सशक्त बनाने के बारे में भी है।
यूपी राजकीय सैनिक स्कूल के प्रिंसिपल विनोद कुमार ने कहा कि हम दृढ़ता से महसूस करते हैं कि एक शैक्षणिक संस्थान के रूप में हमें सार्वजनिक स्वास्थ्य कार्यक्रमों का एक अभिन्न अंग होना चाहिए चाहे वह हालिया फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम हो या वर्तमान संचारी रोग नियंत्रण कार्यक्रम। उन्होंने कहा कि स्कूलों में स्वास्थ्य शिक्षा को एकीकृत करके हम अपने बच्चों के स्वस्थ भविष्य की नींव रख रहे हैं। बीमारी की रोकथाम के बारे में हमारे बच्चों और उनके परिवारों को शिक्षित करना कमजोर आबादी में संक्रमण के प्रसार को कम करने में अहम कदम है। प्रश्नोत्तर सत्र में छात्रों ने विशेषज्ञों से कई सवाल पूछे। इसके अलावा यह संदेश भी ग्रहण किया कि बुखार में देरी पड़ेगी भारी। बुखार हो तो खुद से इलाज नहीं करना है। डाक्टर को दिखाना है।
इस मौके पर जिला मलेरिया अधिकारी डॉ ऋतु श्रीवास्तव, प्रभारी अधीक्षक सरोजिनी नगर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र डॉ चन्दन, सीफार और पाथ के सदस्य के साथ-साथ राजकीय यूपी सैनिक स्कूल, लाला रामस्वरूप इंटर कालेज, राजकीय इंटर कालेज रहीम नगर पडियाना, गौतमबुद्ध इंटर कालेज, हीरालाल इंटर कालेज व जीएसएम पब्लिक स्कूल के छात्र-छात्रा और शिक्षक उपस्थित रहे।