लखनऊ । प्रोफेसर राजेंद्र प्रसाद, निदेशक चिकित्सा शिक्षा और प्रोफेसर, रेस्पिरेटरी मेडिसिन, एरा लखनऊ मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल, एरा यूनिवर्सिटी लखनऊ और पूर्व विभागाध्यक्ष, पल्मोनरी मेडिसिन, किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी, लखनऊ को गरीब समुदाय के उत्थान के लिए सामाजिक कार्य और शिक्षा के क्षेत्र में उनकी सराहनीय सेवाओं के लिए राष्ट्रीय सेवा रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। यह पुरस्कार उन्हें हाल ही में उत्तर प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय, सैफई में आयोजित एक राष्ट्रीय सम्मेलन के उद्घाटन समारोह के दौरान इंडियन मेडिकोज ऑर्गनाइजेशन द्वारा प्रदान किया गया। इसके अलावा, उन्हें पहले ही नेशनल कॉलेज ऑफ चेस्ट फिजिशियन (इंडिया), इंडियन एसोसिएशन फॉर ब्रोंकोलॉजी, थोरैसिक एंडोस्कोपी सोसाइटी ऑफ इंडिया, इंडियन चेस्ट सोसाइटी, ट्यूबरकुलोसिस एसोसिएशन ऑफ इंडिया, इंडियन कॉलेज ऑफ एलर्जी, अस्थमा और एप्लाइड इम्यूनोलॉजी और लंग इंडिया फाउंडेशन जैसे कई संगठनों से लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड्स से सम्मानित किया जा चुका है।
प्रोफेसर प्रसाद वर्तमान में राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम में मेडिकल कॉलेजों की भागीदारी के लिए राष्ट्रीय टास्क फोर्स के उपाध्यक्ष और यूपी क्षय रोग एसोसिएशन के वरिष्ठ उपाध्यक्ष हैं। एक प्रख्यात शिक्षक जिनकी सलाह को पूरे भारत में स्वीकार किया गया है, जिन्हें उत्तर प्रदेश में 'पल्मोनरी मेडिसिन के जनक' के रूप में भी जाना जाता है। उन्होंने 12 पुस्तकें भी लिखीं, जिनमें एलर्जी और अस्थमा तथा क्लीनिकल एलर्जी पर दो पुस्तकें, तपेदिक पर चार पुस्तकें तथा फाइबर ऑप्टिक ब्रोंकोस्कोपी पर एटलस और चेस्ट एक्स-रे के मैनुअल शामिल हैं। प्रोफेसर प्रसाद को डॉ. बीसी रॉय राष्ट्रीय पुरस्कार, विज्ञान और प्रौद्योगिकी परिषद, उत्तर प्रदेश सरकार के विज्ञान गौरव पुरस्कार सहित 65 से अधिक पुरस्कार प्राप्त हुए हैं।