भातखंडे संस्कृति विश्वविद्यालय ने टीबी रोगियों को लिया गोद



राष्ट्रीय क्षय (टीबी) उन्मूलन कार्यक्रम के तहत भातखंडे विश्वविद्यालय ने  काकोरी ब्लाक के पांच टीबी रोगियों को गोद लिया है I इस क्रम में काकोरी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. मनोज अग्रवाल के निर्देश तथा  जिला क्षय रोग अधिकारी डा. ए.के.सिंघल के नेतृत्व में शुक्रवार को कार्यक्रम आयोजित हुआ I भातखंडे विश्वविद्यालय की कुलपति डा. मांडवी सिंह के निर्देश पर विश्वविद्यालय की टीम ने पांच क्षय रोगियों को गोद लेकर उन्हें पोषण पोटली दी जिसमें सत्तू, चना, दाल, दलिया और फल आदि थे I भातखंडे की टीम में  डा. सीमा भारद्वाज, अंशिका सिंह, कृतिका सिंह और कीर्ति चौरसिया थे I

सीएचसी अधीक्षक डा. अवधेश कुमार ने बताया कि काकोरी ब्लाक में अभी तक कुल 90  क्षय रोगियों को विभिन्न संस्थाओं एवं गणमान्य व्यक्तियों द्वारा गोद लिया गया है और उन्हें हर माह पोषण सामग्री दी जा रही है I

भातखंडे संस्कृति विश्वविद्यालय की प्रतिनिधि डा. सीमा भारद्वाज ने बताया कि प्रधान  विश्वविद्यालय ने अपनी सामजिक उत्तरदायित्व का निर्वहन करते हुए टीबी रोगियों को गोद लिया गया हैI

जिला क्षय रोग अधिकारी ने बताया कि राज्यपाल के आह्वान पर साल 2019  में गोद लेने का यह अभियान शुरू किया गया | इसके तहत ही निक्षय मित्र योजना शुरू की गयी है I टीबी जिसे लेकर यह भ्रान्ति है कि यह लाइलाज बीमारी है यह बिलकुल सही नहीं है I नियमित दवा का सेवन और प्रोटीनयुक्त पौष्टिक भोजन के सेवन से यह बीमारी बिलकुल ठीक हो सकती है I इसी क्रम में  निक्षय पोषण योजना और निक्षय मित्र योजना चल रही हैं I निक्षय पोषण योजना के तहत इलाज के दौरान  500 रूपये की राशि मरीज के खाते में भेजी जाती है और निक्षय मित्र के तहत टीबी रोगियों को गोद लेकर उन्हें पोषणात्मक  और भावनात्मक सहयोग दिया जाता है I

इस मौके पर टीबी यूनिट के डा. बृजेश कुमार, सुजीत कुमार, विजय कुमार मौर्या, सुधीर कुमार अवस्थी, विजय प्रकाश एवं बीसीपीएम प्रदुम्न कुमार मौर्या मौजूद थे I

टीबी के लक्षण हैं :
*दो हफ्ते से ज्यादा खांसी आना
*वजन में कमी आना
*बलगम में खून आना 
*रात में पसीना आना 
*शरीर के किसी भी अंग में लम्बे समय तक दर्द होना