- एनसीवीबीडीसी निदेशक के नेतृत्व में राष्ट्रीय टीम के विशेषज्ञों ने की सर्वजन दवा सेवन अभियान की समीक्षा
- कहा- 90% पात्र लोगों के लिए दवा अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए और अधिक प्रयास करने की जरूरत
लखनऊ - नेशनल सेंटर फॉर वेक्टर-बॉर्न रोग नियंत्रण (एनसीवीबीडीसी) की निदेशक डॉ. तनु जैन ने निर्देश दिया है कि जो लोग भी सर्वजन दवा सेवन अभियान के दौरान फाइलेरिया रोधी दवा खाने से छूट गए हैं उन्हें मापअप राउंड में स्वास्थ्य कार्यकर्ता अपने सामने दवा खिलाएं। उन्होंने कहा कि 90% पात्र लोगों के लिए दवा अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए और अधिक प्रयास करने की जरूरत है।
डॉ. तनु जैन के नेतृत्व में विशेषज्ञों की राष्ट्रीय टीम जिसमें एंटोमोलॉजिस्ट्स भी शामिल हैं, ने कानपुर नगर एवं कानपुर देहात के तीन दिवसीय दौरे में अभियान की प्रभावशीलता का प्रत्यक्ष मूल्यांकन किया। कानपुर नगर के सरसौल ब्लॉक के गंगागंज गांव से रायपुर गांव और कानपुर देहात के सरवनखेड़ा ब्लॉक में दुआरी गांव और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में राष्ट्रीय निगरानी टीम ने घर-घर जाकर ग्रामीणों से मिलकर अभियान का जायजा लिया। उन्होंने जाना कि फाइलेरिया प्रभावित क्षेत्रों में रहने वाले लोगों ने दवाओं का सेवन किया है या नहीं और वह सभी अभियान और फाइलेरिया रोधी दवाओं के सेवन के लाभकारी प्रभाव के विषय में जानते हैं या नहीं। निदेशक डॉ तनु ने जीएसवी मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ संजय कला और सीनियर फैकल्टी से विचार-विमर्श किया। उन्होंने मेडिकल कॉलेज और उनके द्वारा एमडीए अभियान की परिणामी निगरानी सहित फाइलेरिया से पीड़ित सैकड़ों रोगियों की हाइड्रोसील सर्जरी के बारे में बात की।
डॉ. तनु ने कहा कि यह खुशी की बात है कि ज्यादातर मामलों में दवा स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के सामने खाई गई है। निदेशक ने दोनों ही जिलों के मुख्य चिकित्सा अधिकारी एवं जिला मलेरिया अधिकारी को निर्देश दिया कि मॉप-अप चरण में यह सुनिश्चित करने में कोई कसर नहीं रह जाए कि स्थानीय गांवों में सभी व्यक्ति और परिवार लिम्फैटिक फाइलेरियासिस के संकट से बच सकें और सुरक्षित हों।
यूपी में फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत सर्वजन दवा सेवन अभियान 27 जिलों के 340 अत्यधिक फाइलेरिया प्रभावित ब्लॉकों में आयोजित किया गया। इस अभियान का शुभारम्भ केंद्रीय राज्य मंत्री प्रतापराव जाधव, स्वास्थ्य व परिवार कल्याण और आयुष मंत्रालय द्वारा किया 10 अगस्त को किया गया। अभियान को सफलतापूर्वक संचालित करने के लिए 1,23,024 प्रशिक्षित स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को 61,512 टीमों में गठित किया और 12,302 पर्यवेक्षकों भी तैयार किया गया जिससे वह सभी को फाइलेरिया रोधी दवा की निर्धारित खुराक घर-घर और बूथों पर खिलाना सुनिश्चित करें। अभियान के दौरान 6.70 करोड़ लोगों तक पहुंचने का लक्ष्य रखा गया जिसके सापेक्ष 6.52 करोड़ लोगों को दवा खिलाने का लक्ष्य प्राप्त कर लिया गया है।