ग्राम/शहरी स्वास्थ्य स्वच्छता एवं पोषण दिवस सत्र पर मिल रहीं बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं



  • बेहद खास है मातृ-शिशु सुरक्षा कार्ड, सत्र पर साथ में लेकर आएं कार्ड
  • यू-विन एप पर रियल टाइम एवं ई-कवच व आरसीएच पोर्टल पर नियमित डाटा फीडिंग
  • एक दिवसीय कार्यशाला में जनपद स्तरीय प्रशिक्षकों को किया गया प्रशिक्षित

कानपुर नगर - सामुदायिक स्तर पर स्वास्थ्य व पोषण सेवाओं को लगातार सुदृढ़ीकरण किया जा रहा है। इसके लिए ग्रामीण व नगरीय क्षेत्र के आंगनबाड़ी केन्द्रों पर हर बुधवार व शनिवार को छाया एकीकृत ग्राम/शहरी स्वास्थ्य स्वच्छता एवं पोषण दिवस (यू/वीएचएसएनडी) सत्र आयोजित किए जा रहे हैं। इन सत्रों पर गर्भवती व बच्चों के टीकाकरण, प्रसव पूर्व एवं पश्चात देखभाल, परिवार नियोजन परामर्श, पोषण व स्वास्थ्य संबंधी गतिविधियां, माताओं संग बैठकें आदि स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की जा रही हैं।

इसी विषय में जनपद स्तरीय प्रशिक्षकों को प्रशिक्षित करने के लिए एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। मंगलवार को सीएमओ सभागार में मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ आलोक रंजन की अध्यक्षता में में आयोजित इस कार्यशाला में प्रत्येक ब्लॉक से एमओआईसी,स्वस्थ शिक्षा अधिकारी, बीपीएम, बीसीपीएम ने प्रतिभाग किया।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ आलोक रंजन ने बताया कि आंगनबाड़ी केन्द्रों पर ग्राम/शहरी स्वास्थ्य स्वच्छता एवं पोषण दिवस सत्र आयोजित किए जा रहे हैं। इन केन्द्रो पर ही बच्चों व गर्भवती के टीकाकरण, प्रसव पूर्व एवं पश्चात जांच सुविधाएं, परिवार नियोजन परामर्श आदि सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं। उन्होंने बताया कि यूएचएसएनडी सत्र, पोषण सहित मातृ एवं शिशु देखभाल के प्रावधान के लिए एक पहुंच (आउटरीच) गतिविधि है जिसमें प्रशिक्षित एएनएम के द्वारा गर्भवती व बच्चों का टीकाकरण, एएनसी के शीघ्र पंजीकरण, नियमित एएनसी, पोषण संबंधी सेवाएं जैसे बच्चों का वजन, लंबाई और गर्भावस्था के दौरान देखभाल, रेफरल आदि के लिए नियमित सूचना, शिक्षा व संचार (आईईसी) व व्यवहार परिवर्तन संचार (बीसीसी) गतिविधियां संचालित की जा रही हैं। गर्भवती को पोषण आहार, देखभाल, गर्भावस्था के खतरे के संकेत, लाभप्रद स्वास्थ्य योजनाओं और संस्थागत प्रसव के बारे में परामर्श व शिक्षित किया जा रहा है। इसके साथ ही मातृ-शिशु सुरक्षा (एमसीपी) कार्ड के बारे में विस्तृत जानकारी दी जा रही है।

सीएमओ ने बताया कि यू/वीएचएसएनडी सत्र, जहां प्रशिक्षित एएनएम व आशा कार्यकर्ताओं के द्वारा स्वास्थ्य सुविधाएं और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व सहायिका के सहयोग से पोषण व स्वास्थय संबंधी सेवाएं प्रदान की जा रही हैं। यू-विन एप पर रियल टाइम डाटा फीडिंग के साथ ही ई-कवच और आरसीएच पोर्टल पर नियमित फीडिंग की जा रही है। समय-समय पर विभागीय समीक्षा व मॉनिटरिंग भी की जा रही है।

जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ यूबी सिंह ने बताया कि राज्य स्तर से छाया एकीकृत ग्राम/शहरी स्वास्थ्य स्वच्छता एवम पोषण दिवस के द्वारा एएनएम द्वारा अपने सत्र के माध्यम से आने वाले सभी लाभार्थी को सभी प्रकार की सेवाएं एक हो दिन एक ही जगह पर उपलब्ध हो इसकी व्यवस्था की जा रही है। उन्होंने कहा कि उक्त ट्रेनिंग के बाद सभी ब्लॉक पर एएनएम,और आशा, आशा सगिनी का एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम किया जायेगा।

मातृ-शिशु सुरक्षा कार्ड है बेहद खास – मातृ-शिशु सुरक्षा (एमसीपी) कार्ड 40 पेज की एक पुस्तिका है। इसे स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय एवं महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की ओर से जारी किया गया है। एमसीपी कार्ड सभी गर्भवती महिलाओं को गर्भावस्था के पंजीकरण के समय दिया जाता है। इसमें गर्भावस्था से संबंधित सभी आवश्यक सलाह व सूचनाओं का विवरण दर्ज रहता है। इसमें गर्भावस्था के दौरान समय-समय पर किए जाने वाले सभी चेक-अप से लेकर प्रसव में बरती जाने वाली सावधानियां दर्ज होती हैं। प्रसव के बाद बच्चे का उम्र के हिसाब से ध्यान रखने के महत्वपूर्ण जानकारियां भी उपलब्ध हैं। इसमें शिशु के टीकाकरण की भी संपूर्ण जानकारी होती है। इसके साथ ही पोषण व परिवार नियोजन के स्थायी व अस्थायी साधनों के बारे में जानकारी होती है।

इस प्रशिक्षण में अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ रमित रस्तोगी, उप जिला प्रतिरक्ष्ण अधिकारी डॉ पीबी सिंह, समस्त उपमुख्य चिकित्सा अधिकारी , सहयोगी संस्थाओं जैसे यूपी टीएसयू, यूनिसेफ, डब्लूएचओ व यूएनडीपी के प्रतिनिधि , अपर शोध अधिकारी, मंडलीय एचबीएनसी कोर्डिनेटर, डीसीपीएम सहित अन्य लोगों ने प्रतिभाग किया।