- ‘डायरिया से डर नहीं’ कार्यक्रम के तहत निजी अस्पतालों व चिकित्सकों की बैठक
- स्वास्थ्य विभाग के तत्वावधान में पीएसआई इंडिया व केनव्यू के सहयोग से चल रहा कार्यक्रम
मथुरा । स्वास्थ्य विभाग के तत्वावधान में पापुलेशन सर्विसेज इंटरनेशनल इंडिया (पीएसआई इंडिया) और केनव्यू के सहयोग से चल रहे ‘डायरिया से डर नहीं’ कार्यक्रम से निजी क्षेत्र के अस्पतालों और चिकित्सकों को भी जोड़ा जाएगा। शून्य से पांच साल तक के बच्चों को डायरिया से सुरक्षित बनाने में इनकी अहम भूमिका है। यह बातें अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी (नोडल आरसीएच) डॉ. आलोक कुमार ने शुक्रवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में हुई पब्लिक प्राइवेट इंटरफेस बैठक में कहीं। बैठक में 15 निजी अस्पतालों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
बैठक की अध्यक्षता करते हुए डॉ. आलोक कुमार ने कहा कि निजी चिकित्सक क्लिनिक, अस्पताल व नर्सिंग होम में ओआरएस और जिंक कार्नर जरूर बनायें ताकि लोगों को आसानी से समझ आ सके कि डायरिया के इलाज में ओआरएस और जिंक की सबसे बड़ी भूमिका है। उन्होंने बताया कि डायरिया से डर नहीं कार्यक्रम के तहत फ्रंट लाइन वर्कर यानि आशा, एएनएम और महिला आरोग्य समिति की सदस्यों का अभिमुखीकरण किया जा रहा है ताकि वह समुदाय में जागरूकता की अलख जगाते हुए बच्चों को डायरिया से सुरक्षित बनाने में मददगार साबित हो सकें। इसके अलावा अस्पतालों में ओआरएस व जिंक कार्नर बनाने के साथ ही दीवार लेखन भी किया जा रहा है। हस्ताक्षर अभियान और नुक्कड़ नाटक के जरिए भी लोगों में डायरिया के प्रति जनजागरूकता लाने की योजना है। इस दिशा में निजी चिकित्सक, अस्पताल और नर्सिंग होम भी आगे आयें और इन गतिविधियों में हाथ बटाएं ताकि बच्चों को आसानी से डायरिया से सुरक्षित बनाया जा सके।
बैठक में उपस्थित इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. बी. एल. तिवारी ने भी सभी निजी चिकित्सकों और अस्पतालों से आग्रह किया कि वह “डायरिया से डर नहीं” कार्यक्रम में सहयोग करते हुए डायरिया केस की रिपोर्टिंग सुनिश्चित करें। बैठक में डॉ. पारुल - जिला कम्युनिटी प्रोसेस मैनेजर, फौजिया-अर्बन हेल्थ कोऑर्डिनेटर, पूनम यादव- डीएमसी यूनिसेफ, पीएसआई इंडिया से शशांक दुबे, चोब सिंह बघेल, विक्रम माथुर आदि उपस्थित रहे।
नगरीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र लक्ष्मी नगर का निरीक्षण : पीएसआई इंडिया के डायरेक्टर प्रोग्राम हितेश साहनी ने शुक्रवार को जनपद के नगरीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र लक्ष्मी नगर का दौरा किया और वहां पर डायरिया नियन्त्रण को लेकर किए गए प्रबंधों व गतिविधियों के बारे में जानकारी प्राप्त की। इस दौरान उन्होंने वहां उपस्थित स्टाफ नर्स व फार्मासिस्ट से बातचीत की और कहा कि डायरिया रोको अभियान में जनजागरूकता की बड़ी जरूरत है। इसी तरह परिवार नियोजन के क्षेत्र में भी जागरूकता लाकर प्रसव के बाद अपनाए जाने वाले साधनों के प्रति लोगों का ध्यान आकर्षित किया जा सकता है। इसके लिए काउंसलिंग पर ज्यादा जोर दिया जाना चाहिए ताकि महिलाओं को पहले से जानकारी हो कि प्रसव के बाद उनको किस साधन को अपनाना है।