लखनऊ । उत्तर प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में जनता की समस्याओं का त्वरित समाधान अब उनके गांव में ही सुनिश्चित हो रहा है।
उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के नेतृत्व में हर शुक्रवार को प्रदेश के प्रत्येक विकास खंड की दो ग्राम पंचायतों में 'ग्राम चौपाल – गांव की समस्या, गांव में समाधान' का आयोजन किया जा रहा है। इस अभिनव पहल से न सिर्फ लोगों की समस्याओं का समाधान स्थानीय स्तर पर हो रहा है, बल्कि शासन-प्रशासन की पहुँच भी सीधे गांवों तक बनी है।डबल इंजन सरकार की इस पहल ने ग्रामीण विकास को नई दिशा दी है। ग्राम चौपालों के माध्यम से जहां गांवों में चल रही विभिन्न परियोजनाओं की वास्तविक स्थिति का मूल्यांकन हो रहा है, वहीं सामाजिक योजनाओं के क्रियान्वयन में भी तेजी आई है। इन चौपालों से पहले गांवों में विशेष सफाई अभियान चलाया जा रहा है और कार्यक्रम के व्यापक प्रचार-प्रसार के लिए ठोस रणनीति अपनाई गई है।ग्राम्य विकास विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार शुक्रवार को पूरे प्रदेश की 1264 ग्राम पंचायतों में ग्राम चौपालें आयोजित की गईं, जिनमें 2851 मामलों का मौके पर ही निस्तारण कर दिया गया। इन चौपालों में 62 हजार से अधिक ग्रामीणों ने भागीदारी की, जबकि 2949 ब्लॉक स्तरीय अधिकारी/कर्मचारी और 5334 ग्राम स्तरीय कर्मचारी उपस्थित रहे। यह जनसुनवाई का सबसे सशक्त और जनोन्मुखी स्वरूप बनता जा रहा है।उप मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार, इन चौपालों में स्वयं सहायता समूह की महिला सदस्यों और सोशल ऑडिट कर्मचारियों की भी अनिवार्य उपस्थिति सुनिश्चित की जा रही है, जिससे योजनाओं के क्रियान्वयन में पारदर्शिता बनी रहे।
आयुक्त ग्राम्य विकास विभाग जीएस प्रियदर्शी ने बताया कि विगत ढाई वर्षों से निरंतर ग्राम चौपालों का आयोजन किया जा रहा है। अब तक 1.5 लाख से अधिक ग्राम चौपालें आयोजित हो चुकी हैं, जिनमें 97 लाख से अधिक ग्रामीणों की सहभागिता रही और 5 लाख से अधिक समस्याओं का निस्तारण किया गया।यह पहल न केवल गांवों की मूलभूत समस्याओं के समाधान की एक प्रभावी व्यवस्था बन गई है, बल्कि शासन और जनता के बीच संवाद का सेतु भी बन रही है। सरकार की इस सक्रियता ने ग्रामीण विकास को गति देने के साथ ही जनविश्वास को भी सशक्त बनाया है।