लखनऊ। व्यापारी समाज ने शहर और प्रदेश की कानून व्यवस्था से संतोष जताया है, लेकिन लखनऊ की यातायात व्यवस्था को लेकर गहरी नाराजगी व्यक्त की है। जब लखनऊ में कमिश्नरेट प्रणाली लागू हुई थी, तब व्यापारी वर्ग को उम्मीद थी कि इससे शहर में यातायात सुगम होगा और कारोबार को बढ़ावा मिलेगा, लेकिन आज भी यातायात व्यवस्था में कोई खास सुधार नहीं हुआ है। प्रमुख बाजारों में जाम की समस्या बनी हुई है, जिससे पुराने बाजारों का अस्तित्व खतरे में पड़ गया है।व्यापारी समाज ने कहा कि पहले स्थानीय व्यापार मंडल के पदाधिकारियों के साथ नियमित बैठकें होती थीं, जिनमें समस्याओं का समाधान होता था, लेकिन कुछ समय से ये बैठकें बंद हैं। इसे पुनः शुरू किया जाना चाहिए ताकि व्यापारियों की समस्याओं का त्वरित समाधान हो सके।अमीनाबाद बाजार में पटरी दुकानदारों और अतिक्रमण के कारण निकलना मुश्किल हो गया है। यहां पहले बनाए गए ट्रैफिक पॉइंट कुछ समय तक तो कामयाब रहे, लेकिन पुलिस के हटने के बाद हालात फिर से बिगड़ गए। व्यापारी चाहते हैं कि इन पॉइंट्स पर पुलिस की स्थायी तैनाती हो ताकि बाजार सुचारू रूप से संचालित हो सके।यहियागंज बाजार में सब्जी के ठेले और खड़े वाहन मुख्य मार्ग पर जाम लगाते हैं, जिससे एम्बुलेंस जैसी आपात सेवाएं भी प्रभावित होती हैं। व्यापारी मांग करते हैं कि ठेले और वाहन हटाकर लोडिंग-अनलोडिंग की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।
नक्खास बाजार में अवैध ठेलों को हटाने में पुलिस गंभीर नहीं है, जबकि दुकानदारों की गाड़ियों पर चालान किए जाते हैं। एलडीए की पार्किंग पर भी अवैध कब्जा है, जिसे हटाकर व्यापारियों के लिए आरक्षित किया जाना चाहिए।चैक बाजार क्षेत्र में अतिक्रमण के कारण आवाजाही बाधित हो रही है। ई-रिक्शा का कब्जा चरक चौराहा पर खास समस्या है, जिसे पूरी तरह प्रतिबंधित करने और ट्रैफिक पुलिस की तैनाती करने की जरूरत है।नाका बाजार के पुल के नीचे और आलमबाग बाजार में भी अतिक्रमण और वाहनों की अनियमित पार्किंग से जाम की स्थिति बनी रहती है।
बुद्धेश्वर, पत्रकारपुरम, अयोध्या रोड, निशातगंज, कपूरथला डंडईया और डालीगंज जैसे अन्य बाजारों में भी अतिक्रमण और यातायात के कारण व्यापार प्रभावित हो रहा है।व्यापारी वर्ग प्रशासन से अपील कर रहा है कि वह इन बाजारों में अतिक्रमण हटाने, यातायात व्यवस्था सुधारने और ट्रैफिक पुलिस की प्रभावी तैनाती सुनिश्चित करे। साथ ही वे पुनः नियमित बैठक आयोजित करने की मांग कर रहे हैं ताकि स्थानीय स्तर पर समस्याओं का स्थायी समाधान हो सके और व्यापारिक गतिविधियां सुचारू रूप से चल सकें।