नई दिल्ली - विश्व स्वास्थ्य संगठन ने तपेदिक यानी टीबी को खत्म करने के प्रयासों में भारत की "उत्साहजनक प्रगति" की सराहना की है। WHO की वैश्विक क्षय रोग रिपोर्ट 2025 का हवाला देते हुए, बयान में कहा गया है कि 2024 में दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र में टीबी का प्रभाव अलग-अलग बना रहा। म्यांमा और तिमोर-लेस्ते में टीबी संक्रमण की दर काफी अधिक है, जहां लगभग 480 से 500 मामलों प्रति एक लाख जनसंख्या दर्ज की गई है।
इस वजह से ये देश दुनिया के सबसे ज्यादा प्रभावित क्षेत्रों में शामिल हो गए हैं। वहीं भारत, बांग्लादेश, भूटान, नेपाल और थाईलैंड जैसे देशों में प्रति एक लाख की आबादी पर 146 से 269 मामलों के बीच टीबी के केस मिले हैं।
रिपोर्ट कहती है कि इन देशों में मामलों में गिरावट तो है, लेकिन यह गिरावट बेहद धीमी है। टीबी से प्रभावित कुल संख्या के लिहाज से भारत सबसे आगे है, जहां अनुमानित 27 लाख से ज्यादा मरीज हैं। इसके बाद बांग्लादेश में करीब 3 लाख 84 हजार, म्यांमा में 2 लाख 63 हजार, थाईलैंड में 1 लाख 4 हजार और नेपाल में लगभग 67 हजार मामले दर्ज किए गए हैं।
बयान में यह भी कहा गया है कि कई देशों ने टीबी के खिलाफ लड़ाई में उल्लेखनीय प्रगति की है, जिनमें बांग्लादेश, भारत और थाईलैंड शामिल हैं। WHO ने उम्मीद जताई है कि निरंतर प्रयासों से आने वाले वर्षों में इस बीमारी को नियंत्रण में लाने में और सफलता मिलेगी।