लखनऊ, 20 नवम्बर 2020 - प्रजनन स्वास्थ्य के अंतर्गत वर्तमान स्थिति को देखते हुए पुरुष नसबंदी अधिक महत्वपूर्ण है क्योंकि यह एक मामूली शल्य प्रक्रिया है तथा महिला नसबंदी की तुलना में अधिक सरल और सुरक्षित है | इसी क्रम में विगत वर्षों की भांति इस वर्ष भी सभी जनपदों में 21 नवम्बर से 4 दिसम्बर तक पुरुष नसबंदी पखवाड़े का आयोजन करने का निर्णय लिया गया है | इस सम्बन्ध में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन-उत्तर प्रदेश की मिशन निदेशक अपर्णा उपाध्याय ने सम्बंधित अधिकारियों को पत्र जारी कर आवश्यक दिशा निर्देश दिए हैं |
परिवार नियोजन कार्यक्रम की नोडल अधिकारी एवं अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. अभिलाषा मिश्रा ने बताया- पखवाड़े का आयोजन कोविड -19 से बचाव के प्रोटोकॉल को ध्यान में रखते हुए किया जायेगा | इस पखवाड़े की थीम है-“परिवार नियोजन में पुरुषों की साझेदारी, जीवन में लाये स्वास्थ्य और खुशहाली | इस थीम का मुख्य उद्देश्य कोविड-19 महामारी में भी जनसँख्या स्थिरीकरण के लिए पुरुषों को जागरूक करने के साथ-साथ उनकी सहभागिता से परिवार नियोजन कार्यक्रम को गति प्रदान करना भी है | ब्लाक स्तर तक जनसामान्य को जागरूक करने के लिए व्यापक प्रचार-प्रसार भी किया जायेगा जिसके लिए वाहन की व्यवस्था की गयी है | यह पखवाड़ा दो चरणों में मनाया जायेगा – पहला चरण 21 से 27 नवम्बर तक दम्पति संपर्क का और दूसरा चरण 28 नवम्बर से 4 दिसम्बर तक सेवा प्रदायगी का होगा |
डा. अभिलाषा ने बताया- आशा कार्यकर्ता अपने कार्य क्षेत्र के हर लक्षित दम्पति के घर भ्रमण के दौरान उन्हें परिवार नियोजन के लाभ बताते हुए कोई न कोई साधन अपनाने के लिए प्रेरित करेंगी | साथ ही पुरुषों को नसबंदी के लिए जागरूक करेंगी |
पुरुष नसबंदी पर विशेष जोर देते हुए हर ब्लाक में तीन पुरुष नसबंदी एवं परिवार नियोजन की सेवाएँ उपलब्ध कराई जाएँगी | आशा, एएनएम् और काउंसलर और जहां काउंसलर उपलब्ध नहीं हैं वहां स्टाफ नर्स द्वारा दम्पत्तियों की काउंसलिंग की जाएगी | स्वास्थ्य सुविधाओं पर उपलब्ध कंडोम बाक्स को प्रतिदिन रिफिल किया जायेगा | कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश तकनीकी सहयोग इकाई (यूपीटीएसयू) और पोपुलेशन सर्विस इंटरनेशनल(पीएसआई) संस्था सहयोग करेंगी |