पर्यटन को बढ़ावा देकर एक ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था की दिशा में बढ़ रहा उत्तर प्रदेश



  • पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह ने डेलायट के साथ की विस्तृत समीक्षा बैठक

लखनऊ। उत्तर प्रदेश को समर्थ, विकसित और आत्मनिर्भर प्रदेश बनाने के लक्ष्य के साथ प्रदेश सरकार तेजी से काम कर रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की परिकल्पना और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कुशल निर्देशन में उत्तर प्रदेश को वन ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के संकल्प को साकार करने के लिए आज पर्यटन मुख्यालय, गोमती नगर लखनऊ में पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह की अध्यक्षता में डेलायट संस्था के साथ विस्तृत चर्चा हुई। 

बैठक में डेलायट द्वारा अब तक किए गए कार्यों की समीक्षा करते हुए मंत्री ने कई महत्वपूर्ण निर्देश दिए।बैठक के दौरान जयवीर सिंह ने कहा कि प्रदेश में पर्यटन को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाने के लिए होमस्टे और ‘ब्रेड एंड ब्रेकफास्ट’ नीति के अंतर्गत अधिक से अधिक कमरों की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए, ताकि आने वाले पर्यटकों को ठहरने में सुविधा मिले। उन्होंने कहा कि पर्यटकों के ठहराव की अवधि जितनी अधिक होगी, गृहस्वामियों और होटल मालिकों की आमदनी उतनी ही बढ़ेगी, जिससे प्रदेश की अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ता मिलेगी।

पर्यटन मंत्री ने डेलायट कंपनी और विभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया कि होमस्टे और बी एंड बी नीति के सफल क्रियान्वयन के लिए सर्वेक्षण की गति को तेज किया जाए और एक व्यवहारिक कार्ययोजना तैयार की जाए, जिससे इसका प्रभाव जमीन पर स्पष्ट रूप से दिखाई दे। उन्होंने कहा कि यदि इस योजना में कोई कठिनाई या अड़चन आ रही हो तो नियमों को सरल बनाने का प्रस्ताव तैयार किया जाए, पर यह भी सुनिश्चित किया जाए कि उदारता का दुरुपयोग न हो। उन्होंने आगे कहा कि होमस्टे के लिए कमरों का किराया 2000 से 3000 रुपये के बीच निर्धारित है, यदि इसे बढ़ाया जाए तो यह तर्कसंगत और विधिसंगत होना चाहिए। उन्होंने संयुक्त निदेशक प्रीति श्रीवास्तव को निर्देश दिए कि इन योजनाओं की साप्ताहिक समीक्षा करें और 15 दिन के अंतराल पर महानिदेशक पर्यटन स्वयं प्रगति की समीक्षा कर गतिरोधों को दूर करें, ताकि राज्य का राजस्व बढ़ सके।जयवीर सिंह ने डेलायट संस्था से आग्रह किया कि वे एक ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था के लक्ष्य को प्राप्त करने हेतु आने वाली कठिनाइयों या नीतिगत सुधारों पर ठोस सुझाव दें। 

उन्होंने यह भी कहा कि सर्वेक्षण का डाटा शुद्ध, सटीक और व्यवहारिक रूप से तैयार किया जाए तथा पूर्व में दिए गए निर्देशों का समयबद्ध क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाए।

इस महत्वपूर्ण बैठक में प्रमुख सचिव पर्यटन एवं संस्कृति तथा धर्मार्थ कार्य अमृत अभिजात, महानिदेशक पर्यटन राजेश कुमार द्वितीय, पर्यटन विकास निगम के एमडी आशीष कुमार, पर्यटन सलाहकार जे.पी. सिंह, और डेलायट के समन्वयक कार्तिक सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।इस बैठक के माध्यम से पर्यटन विभाग ने यह स्पष्ट किया कि सरकार पर्यटन और आतिथ्य क्षेत्र को प्रदेश की अर्थव्यवस्था का सशक्त स्तंभ बनाने के लिए ठोस और परिणामोन्मुख कदम उठा रही है, जिससे उत्तर प्रदेश न केवल देश का बल्कि वैश्विक स्तर पर भी प्रमुख पर्यटन गंतव्य के रूप में उभर सके।