कोविड-19 के कारण देश ने जिस विकट तथा गंभीर परिस्थितियों का सामना किया उसकी किसी ने कल्पना तक नहीं की थी। लेकिन हमें यह कहते हुए गर्व हो रहा है कि भारत सरकार ने अपने दृढ़ इच्छा शक्ति एवं बेहतर कार्य कुशलता के बल पर इतने कम समय में इस भयानक महामारी को नियंत्रित करने में जो सफलता पाई है, उसकी प्रशंसा आज कई विकसित देश कर रहे हैं। कोविड-19 में सामाजिक संगठनों, पंचायतो, नगरपालिका, कॉर्पोरेट सेक्टरों तथा कई व्यक्तियो ने सरकार का कदम- कदम मिलाकर स्थिति को काबू में लाने के लिए जिस समर्पण व सेवा भाव से देश की सेवा कि उसकी जितनी भी प्रशंसा की जाए वह कम है। सामाजिक संगठनों के कार्यकर्ताओं ने भी ग्रामीण तथा शहरी क्षेत्र के जरूरतमंद लोगों को राहत सामग्री पहुंचा कर जो सेवा की है, वह उनके समाज के प्रति उनके समर्पण भावना को दर्शाती है। इसी प्रकार सभी ने प्रधानमंत्री केयर्स फंड में सहयोग कर इस आपदा की स्थिति में सरकार की मदद की।
इंडियन सोशल रिस्पांसिबिलिटी नेटवर्क (ISRN) द्वारा 4 जून 2021 से प्रत्येक शुक्रवार सायं 4 बजे विषय विशेषज्ञों के साथ ऑनलाइन ई - चर्चा श्रृंखला "कोविड -19 से जुडी समस्याओं व शंकाओ पर विषय विशेषज्ञों के साथ सीधी बात" कार्यक्रम का शुभारम्भ किया गया | इसी श्रृंखला में कोविड-19 और भारत के प्रयास पर 2 जुलाई 2021 को राष्ट्रीय वेबीनार की पांचवी श्रृंखला आयोजित की गयी । यह श्रृंखला आईएसआरएन(ISRN) की सामाजिक जागरूकता की दिशा में की गई पहल कोविड-19 से बचाव की दिशा में आयोजित की गई। इस कड़ी में प्रमुख वक्ताओं में डॉ विनय सहस्रबुद्धे, (सांसद- राज्यसभा एवं अध्यक्ष, आईसीसीआर) और दीदी माँ साध्वी ऋतंभरा, संस्थापक- परम पीठ व् वात्सल्य ग्राम ने वेबिनार में आशीर्वचन देकर लोगो का मार्गदर्शन किया। इस श्रृंखला के आयोजन में प्रमुख सहयोगी संस्थानों के रूप में एसडीजी चौपाल, नागरिक फाउंडेशन, नलिनी फाउंडेशन, जन लोक कल्याण परिषद, सुरगुजा ज्ञानोदय एसोसिएशन, और सद्भावना ग्रामीण विकास संस्था का सहयोग प्राप्त हुआ।
यह सीरीज ऑनलाइन प्लेटफार्म पर आयोजित की गयी और आईएसआरएन के यूट्यूब और फेसबुक पेज पर लाइव प्रसारित की गई। श्रृंखला में विभिन्न शहरों, संगठनों और विश्वविद्यालयों के 400 से अधिक लोगों की लाइव भागीदारी देखी गई।
कार्यक्रम की शुरुआत आईएसआरएन(ISRN ) के सीईओ श्री संतोष गुप्ता ने सभी वक्ताओं एवं प्रतिभागियों का स्वागत के साथ किया। उन्होंने इस श्रृंखला को आयोजित करने के पीछे आईएसआरएन(ISRN ) के उद्देश्यों के बारे में जानकारी दी।इसके बाद डॉ दीक्षा ने पहले के चार श्रृंखलाओं के बारे में भी संक्षिप्त जानकारी दी ।
डॉ. सुभाष हीरा, (एमडी, एमपीएच) वैश्विक स्वास्थ्य के प्रोफेसर- वाशिंगटन विश्वविद्यालय ने प्रमुख वक्ताओं को बधाई दी। उन्होंने दुनिया भर में कोरोनवायरस के प्रारंभिक चरण के बारे में उल्लेख करते हुए भारत के प्रयासों की तुलना में वैश्विक संदर्भ के बारे में बात की।
इसके बाद संतोष गुप्ता ने अपने प्रस्तुतीकरण द्वारा भारत के प्रयास और सर्वोत्तम कार्यो पर जानकारी साझा की। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार ने पिछले साल पहली लहर के दौरान 97381 वेंटिलेटर स्थापित किए, वहीं दूसरी लहर के दौरान पीएम केयर्स फंड से देश के विभिन्न जिलों में कुल 850 ऑक्सीजन प्लांट स्थापित किए गए। उन्होंने बताया कि 2084 कोरोना अस्पताल, 4043 कोरोना स्वास्थ्य देखभाल केंद्र और 16 लाख आइसोलेशन बेड और 93000 आईसीयू बेड के साथ चिकित्सा क्षेत्र के बुनियादी ढांचे का विस्तार किया गया। आज भारत टीकाकरण अभियान में नंबर एक देश बन गया है, कुल टीकाकरण खुराक 34,0076,232 है और 97.01% की रिकवरी दर है। सशस्त्र बलों ने कोविड -19 के लिए 51 सशस्त्र बलों के अस्पतालों के साथ नागरिक सहायता प्रदान करने में अग्रणी भूमिका निभाई। आत्मनिर्भर भारत मिशन को 2020 में कोविड -19 महामारी के कारण उत्पन्न संकट के परिणामस्वरूप शुरू किया गया था, भारत ने 20 मिलियन से अधिक पीपीई किट और 40 मिलियन N-95 मास्क बड़े पैमाने पर निर्यात किया और 2021 में भारत ने अपनी स्वदेशी वैक्सीन का उत्पादन किया और दुनिया का सबसे बड़ा वैक्सीन निर्माता बन गया। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा 20 लाख करोड़ के विशेष आर्थिक पैकेज की घोषणा की गई और प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत सरकार द्वारा 80 करोड़ लाभार्थियों को नवंबर तक मुफ्त खाद्यान्न योजना का विस्तार किया गया, इसके पश्चात संतोष गुप्ता ने मुख्य वक्ता डॉ विनय सहस्रबुद्धे को अपने विचार प्रस्तुत करने हेतु सादर आमंत्रित किया।
डॉ विनय सहस्त्रबुद्धे ने अपने संबोधन में कोरोना पर काबू पाने के लिए सरकार और सार्वजनिक स्वास्थ्य व्यवस्था के बारे में विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा कि जिस समय देश गंभीर रोगियों के लिए अस्पताल में बेड की कमी, ऑक्सीजन की कमी एवं जरूरी दवाओं के किल्लत से जूझ रहा था, उस समय सरकार की दृढ इच्छाशक्ति एवं संकल्प, स्वास्थ्य कर्मी की सेवा भावना, समाजसेवी संस्थाओं के सहयोग, औद्योगिक संस्थानों से प्राप्त मेडिकल उपकरण एवं देश के आम जनता का कोविड-19 के दौरान सहयोग के बल पर देश ने काफी कम समय में ही स्थिति की गंभीरता पर नियंत्रण पा लिया । उन्होंने सरकार के सुशासन और लोगों के प्रयासों को कोविड-19 का मुकाबला करने और उसकी सफलता में कारगर महत्वपूर्ण सात बिंदु रहे - लोक स्वास्थ्य, लोक सहभागिता , लोक संबल , लोक संस्कृति , लोक संरचना, लोक संरक्षण और लोग संकल्प रहे एवं उन्होंने इनके बारे में के बारे में विस्तार से बताया।
दीदी मां साध्वी ऋतंभरा ने लोगों के व्यवहार प्रथाओं पर कोविड के प्रभाव के बारे में व्यक्त किया और सकारात्मक मनोवैज्ञानिक कल्याण को बढ़ावा देने के बारे में बताया। उन्होंने सुरक्षित रखने और इस महामारी से लड़ने के लिए सामूहिक जिम्मेदारी पर जोर दिया और सरकार के प्रयासों और उनके सराहनीय कार्यों के बारे में बताया, जबकि लोगों द्वारा एक दूसरे की मदद करने और कोविड -19 के खिलाफ लड़ने के लिए करुणा और सहानुभूति दिखाई गई।
सत्र का समापन समुद्र नस्कर, कार्यक्रम अधिकारी, आई.एस.आर.एन.(ISRN) ने इस वेबिनार का हिस्सा बनने के लिए सभी पैनलिस्टों, भागीदारीयों एवं प्रतिभागियों को धन्यवाद के साथ किया और आईएसआरएन(ISRN ) टीम श्रुति शर्मा,अमन ढींगरा, रूपल, डॉ दीक्षा, उदिता, निखिल आदि के प्रयासों, कड़ी मेहनत और "Covid -19 से जुड़ी समस्याओं व शंकाओ पर विषय- विशेषज्ञों के साथ सीधी बात" श्रृंखला को एक बड़ी सफलता बनाने के लिए सभी की सराहना की । पूरी श्रृंखला का समन्वयन व प्रबंधन श्रुति शर्मा, कार्यक्रम अधिकारी, समुद्र नस्कर, कार्यक्रम अधिकारी,आई.एस.आर.एन.(ISRN) द्वारा किया गया |
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