- संवेदीकृत हुए जिले के स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी और बीसीपीएम
- सात सितम्बर से पल्स पोलियो अभियान की तर्ज पर चलेगा सर्वे, घर-घर ढूंढे जाएंगे बुखार और टीबी के मरीज
- कोविड और नियमित टीकाकरण न कराने वालों की भी बनेगी लिस्ट
गोरखपुर - मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. सुधाकर पांडेय ने कहा है कि कोविड और वेक्टर बार्न डिजीज के प्रति सतर्कता का स्तर बढ़ाना होगा । लक्षण वाले मरीजों को ढूंढा जाए और उनकी जांच कराई जाए । समय से इलाज मिलने से बीमारी की जटिलताएं कम हो जाती हैं । यह बातें उन्होंने प्रेरणा श्री सभागार में शुक्रवार को आयोजित घर-घर सर्वे व प्रशिक्षण कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहीं । आयोजन के दौरान जिले के स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी और ब्लॉक कम्युनिटी प्रॉसेस मैनेजर (बीसीपीएम) संवेदीकृत किये गये जो आशा कार्यकर्ता और एएनएम को संवेदीकृत करेंगे । इसके बाद सात से 16 सितम्बर तक पल्स पोलियो अभियान की तर्ज पर घर-घर सर्वे चलेगा । सर्वे के दौरान बुखार और टीबी के रोगी ढूंढे जाएंगे और कोविड टीकाकरण के अलावा नियमित टीकाकरण का लाभ न पाने वालों की सूची तैयार की जाएगी ।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने कहा कि समुदाय के बीच कोविड प्रोटोकॉल के प्रति लापरवाही नजर आ रही है । लोगों ने मॉस्क लगाना कम कर दिया है । जिले में कोविड के मामले भले ही कम हुए हैं लेकिन कोविड कहीं गया नहीं है । घर-घर सर्वे के दौरान लोगों को कोविड के प्रति संवेदीकृत किया जाए । उन्हें बताया जाए कि मॉस्क, दो गज की दूरी और हाथों की स्वच्छता के नियम का पालन जारी रखना है । टीका लगवाने के बावजूद इस नियम को भूलना नहीं है । लोगों को मलेरिया, इंसेफेलाइटिस डेंगू, चिकनगुनिया जैसी वेक्टरजनित बीमारियों के बारे में भी संवेदीकृत किया जाए ।
डॉ. पांडेय ने कहा कि अगर किसी को खांसी के साथ दो सप्ताह या दो सप्ताह से अधिक समय से बुखार है तो वह टीबी रोगी हो सकता है । ऐसे मरीज को चिकित्सक की सहायता से जांच की सुविधा उपलब्ध करवाई जाए । बुखार, खांसी के साथ अगर सांस लेने में दिक्कत है तो कोविड जांच होनी चाहिए। लोगों को यह बताया जाए कि शनिवार को कोविड टीके की सिर्फ दूसरी डोज की सुविधा उपलब्ध है । ऐसे में जिन लोगों ने टीके की पहली डोज लगवा ली है, वह दूसरी डोज अवश्य लगवाएं और कोविड नियमों का पालन करें । 45 वर्ष से अधिक उम्र के जिन लोगों ने कोविड का टीका नहीं लगवाया है उनकी सूची तैयार की जाए और उन्हें टीके की पहली डोज के लिए प्रेरित किया जाए । नियमित टीकाकरण से वंचित लोगों का भी टीकाकरण करवाया जाए ।
प्रशिक्षण कार्यक्रम को जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. नीरज कुमार पांडेय, जिला सर्विलांस अधिकारी डॉ. ए.के. चौधरी, जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. रामेश्वर मिश्रा, जिला मलेरिया अधिकारी डॉ. अंगद सिंह, उप जिला स्वास्थ्य शिक्षा एवं सूचना अधिकारी सुनीता पटेल, जेई-एईएस परामर्शदाता डॉ. सिद्धेश्वरी सिंह, डीसीपीएम रिपुंजय पांडेय और डब्ल्यूएचओ के सर्विलांस मेडिकल ऑफिसर डॉ. संदीप पाटिल ने भी सम्बोधित किया । कार्यक्रम में जिले के सभी प्रभारी चिकित्सा अधिकारी, सिटी कम्युनिटी प्रोसेस मैनेजर और स्वयंसेवी संस्था यूनिसेफ, पाथ, सीएचएआई के प्रतिनिधियों ने भी प्रतिभाग किया । इस अवसर पर सभी प्रतिभागियों को रिपोर्टिंग फार्मेट के बारे में भी विस्तार से जानकारी दी गयी ।
इन संदेशों को होगा प्रचार-प्रसार :
• पूरी बांह की कमीज, पैंट और मोजे पहनें
• नियमित रूप से मच्छरदानी का प्रयोग करें
• शौच के लिए हमेशा शौचालय का प्रयोग करें
• खाने से पहले और शौच के बाद हाथों को साबुन से जरूर धोएं
• पीने और खाना बनाने के लिए हमेशा इंडिया मार्का टू हैंडपंप का पानी इस्तेमाल करें
• घरों के आसपास गढ्ढों को मिट्टी से भर दें ताकि मच्छर न पनपें
• चूहे और छछूंदर को घर में न रहने दें
इन नंबरों पर करें कॉल : संचारी रोग, दिमागी बुखार और कोविड-19 संबंधित जानकारी टोल फ्री नंबर 18001805145 पर मिलेगी, जबकि सांस लेने में कठिनाई या गंभीर स्थिति में 18001805146 पर कॉल करना है ।
यहां न होने दें जलजमाव :
• टायर और खुले में रखे बर्तन
• गमलों के नीचे रखी ट्रे
• फ्रीज के नीचे रहने वाली ट्रे
• कूलर
• पशु-पक्षियों को पानी पिलाने के बर्तन
• खुला जल भंडारण टैंक