विश्व हृदय दिवस पर विशेष स्क्रीनिंग शिविर आयोजित



  • हृदय रोग से बचाव के बारे में दिए गए टिप्स

लखनऊ - जिले के सभी स्वास्थ्य केन्द्रों पर बुधवार को विश्व ह्रदय दिवस मनाया गया |   इसी क्रम में अलीगंज सामुदायिक स्वास्थ्य ( सीएचसी)  पर  डायबिटीज, हाइपरटेंशन और बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) स्क्रीनिंग के लिए  शिविर का आयोजन किया गया | शिविर का शुभारम्भ  संचारी रोग नियंत्रण के निदेशक डा. (मेजर) जी.एस. बाजपेयी ने किया |  इस मौके पर उन्होंने कहा-  ह्रदय शरीर का सबसे महत्वपूर्ण अंग है  | ह्रदय सम्बन्धी बीमारियों से बचाव के प्रति जागरूकता को लेकर ही हर वर्ष विश्व हृदय दिवस मनाया जाता है |  निष्क्रिय जीवन शैली और अनियमित दिनचर्या  के साथ ही डायबिटीज भी ह्रदय रोगों का मुख्य   मुख्य कारण है | शरीर को स्वस्थ रखें, नियमित व्यायाम करें और  वजन को संतुलित रखें तो  हृदय रोग सम्बन्धी बीमरियों पर नियंत्रण रख सकते हैं | इन्हीं बातों को ध्यान में रखते हुए इस शिविर का आयोजन किया गया है |

इस अवसर पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. मनोज अग्रवाल ने बताया - गैर-संचारी रोगों (एनसीडी) से होने वाली मौतों की संख्या में एक बड़ा हिस्सा अब  भी हृदय संबंधी रोगों का है।  हर वर्ष विश्व  ह्रदय दिवस किसी न किसी थीम के साथ मनाया जाता है | इस साल की थीम 'यूज़ हार्ट टू कनेक्ट' है।  इस दिवस को मनाने का उद्देश्य दिल को स्वस्थ रखने और इससे जुड़े रोगों के बारे में लोगों को जागरूक करना है ताकि दिल को सुरक्षित रखा जा सके |

इस मौके पर गैर संचारी रोगों  के नोडल अधिकारी डा. राजेंद्र कुमार चौधरी ने कहा- निष्क्रिय  जीवन शैली, अनियमित दिनचर्या  के  साथ ही अत्यधिक तनाव, धूम्रपान,  मदिरा का सेवन,  हाइपरटेंशन, मोटापा, वसायुक्त भोजन, जंक फ़ूड के सेवन की आदतों के कारण पिछले कुछ वर्षों में भी डायबिटीज, हाइपर टेंशन और ह्रदय रोग के मरीजों में वृद्धि हुयी है |इसके लिए आवश्यक है कि हम सेहत के अनुरूप कम वसा युक्त भोजन का सेवन करें, धूम्रपान, मदिरा और जंक फ़ूड के सेवन से बचें, नियमित व्यायाम व  योग करें, कम से कम प्रतिदिन 3 -4 किलोमीटर पैदल चलें | इसके साथ ही नमक का सेवन कम करें और एक ही स्थिति में घंटों न बैठे रहें | हमें अपने खाने में कोलेस्ट्रोल की मात्रा को नियंत्रित करना चाहिए और इसकी  नियमित  निगरानी करनी चाहिए |

हमें ह्रदय सम्बन्धी रोगों के लक्षणों को पहचाना जरूरी है ताकि समय पर रोग की पहचान कर  रोगी का इलाज हो सके | ह्रदय रोग के मुख्य लक्षण हैं – सांस में कमी महसूस होना, छाती के बायीं और या बीच में दर्द होना, पेट में दर्द या जलन महसूस होना उल्टी होना, घबराहट या बेचैनी महसूस होना | इन लक्षणों को नजरंदाज न करें  और तुरंत ही प्रशिक्षित चिकित्सक को दिखाएँ |

इस मौके पर सीएचसी की चिकित्सा अधीक्षक डा.अनामिका ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी से भविष्य में भी इस प्रकार के आयोजन  सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर करने का अनुरोध किया |
इस मौके पर सीएचसी के कर्मचारी उपस्थित रहे  |

जिला स्वास्थ्य शिक्षा एवं सूचना अधिकारी योगेश रघुवंशी ने बताया- शिविर में ह्रदय रोग विशेषज्ञ डा. विनोद कुमार सिंह, फिजीशियन डा. डा. विवेक वर्मा, डा. अभिषेक राय चंदानी एवं डा. हर्षित चतुर्वेदी द्वारा 268 मरीजों की जाँच कर निःशुल्क दवा का वितरण किया गया | शिविर में डायबिटीज, लिवर, ब्लड प्रेशर किडनी एवं  ई .सी.जी. की जांचें की गयीं | डायबिटीज एवं हाइपरटेंशन चिन्हित मरीजों को बलरामपुर अस्पताल में गैर संचारी रोग (एनसीडी )  क्लीनिक में समय-समय पर आकर परीक्षण एवं निःशुल्क दवा प्राप्त करने की सलाह दी गयी | इसके साथ ही शिविर में तम्बाकू छोड़ने एवं मानसिक रोगों से दूर रहने के लिए भी परामर्श दिया गया |