• मलेरिया एवं वेक्टर बॉर्न डिजीज के अपर निदेशक के तेवर सख्त
• डॉ वीपी सिंह बोले,स्वास्थ्य कार्यकर्ता अपने सामने ही दवा खिलाएं
• दवा सामने न खिलाकर सिर्फ बांटने पर उठाए जाएंगे सख्त कदम
• 22 नवंबर से शुरू हुआ फाइलेरिया अभियान 7 दिसंबर तक चलेगा
लखनऊ - स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को फाइलेरिया की दवा अपने सामने न खिलाने पर अब मानदेय कटने जैसी सजा का सामना करना पड़ सकता है। वहीं जनमानस से खास अपील की जा रही है कि लोग फाइलेरिया अभियान में सहयोग की भावना से स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की बात मानें और दवा खाने में लापरवाही न करें बल्कि उनके सामने ही खा लें। प्रदेश के 19 जिलों में 22 नवंबर से शुरू हुआ फाइलेरिया का मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एमडीए) राउंड 7 दिसंबर तक चलेगा।
फाइलेरिया अभियान में शत प्रतिशत सफलता के लिए निरंतर प्रयास जारी हैं। इसी क्रम में मलेरिया एवं वेक्टर बॉर्न डिजीज के अपर निदेशक डॉक्टर वी पी सिंह ने फाइलेरिया से संबंधित जनपदों को स्पष्ट निर्देश दिया है। निर्देश में कहा है कि जिन क्षेत्रों फाइलेरिया की दवा अपने सामने खिलाने में लापरवाही बरतने की सूचना प्राप्त होगी संबंधित सुपरवाइजर का एक दिन का मानदेय काटने की कार्रवाई की जाएगी। इसके साथ ही हर दिन शाम को ब्लॉक स्तर पर प्रभारी चिकित्सा अधिकारी एवं जिला स्तर पर अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी (वीबीडी) समीक्षा बैठक करेंगे। कार्यक्रम की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए यह सायंकालीन बैठकें प्रत्येक दिन में किए गए कार्य की समीक्षा के लिए नितांत आवश्यक है l
डॉक्टर सिंह ने बताया कि इस बार लगभग पांच करोड़ लोगों को फाइलेरिया की दवा खिलाने का लक्ष्य निर्धरित किया गया है। प्रदेश में जिन 19 जनपदों में मास एडमिनिस्ट्रेशन (एमडीए) राउंड चलाया जा रहा है। उनमें लखनऊ, बरेली, पीलीभीत, शाहजहाँपुर, अयोध्या, बाराबंकी, अमेठी, अंबेडकरनगर, आजमगढ़, मऊ, बलिया, सोनभद्र, जौनपुर, भदोही, जालोन, हमीरपुर, चित्रकूट, बांदा और महोबा शामिल हैं। इन जनपदों में 22 नवंबर से शुरू हुआ मास एडमिनिस्ट्रेशन (एमडीए) राउंड 7 दिसंबर तक चलेगा। शुक्रवार को अभियान की हकीकत जानने के लिए भारत सरकार में वेक्टर बोर्न डिजीज की संयुक्त निदेशक डॉक्टर छवि पंत ने भी लखनऊ का दौरा किया था।