लखनऊ - जिले में 22 नवंबर से सात दिसम्बर तक राष्ट्रीय फाइलेरिया उन्मूलन अभियान के तहत सामूहिक दवा सेवन (एमडीए) कार्यक्रम के तहत स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं ने घर-घर जाकर लोगों को फाइलेरिया से बचाव की दवा का सेवन कराया | अब 11 दिसम्बर तक अभियान में छूटे हुये लोगों को दवा खिलाने के लिए मॉप अप राउंड चलाया जा रहा है | यह जानकारी राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डा. के.पी.त्रिपाठी ने दी | उन्होंने बताया- जिले में 15 दिन तक चले अभियान में लगभग 78 फीसद लोगों ने दवा का सेवन किया है | नोडल अधिकारी ने बताया – अभियान के तहत 45 लाख लोगों को दवा खिलाने का लक्ष्य रखा गया था जिसमें अभी तक 35 लाख लोगों को दवा खिलाई गई है | जिले को 19 इकाइयों में बांटा गया था जिसमें 11 ग्रामीण और 8 शहरी इकाई थीं । कुल 3673 टीमों ने घर - घर जाकर लोगों को अपने सामने फाइलेरिया से बचाव की दवा खिलायी । पूरे अभियान की निगरानी के लिए 753 सुपरवाइजर नियुक्त किए गए थे |
फाइलेरिया की दवा स्वास्थ्य कर्मी अपने सामने खिला रहे हैं। अब मॉपअप राउंड में शेष बचे लोगों को दवा खिलाने का काम किया जा रहा है।
डा. त्रिपाठी ने बताया – फाइलेरिया जानलेवा बीमारी तो नहीं है लेकिन यह व्यक्ति को जीवन भर के लिए दिव्यांग बना सकती है | लगातार पाँच साल तक साल में एक बार दवा खाने से इस बीमारी से बचा जा सकता है |