सुरक्षित और असरदार है सरकारी अस्पताल का टीका-सीएमओ



  • सात मार्च से मिशन इंद्रधनुष और 20 मार्च से पल्स पोलियो अभियान चलेगा
  • सीएमओ ने समुदाय से आगे आकर सहयोग करने की अपील की

गोरखपुर - सरकारी अस्पतालों में उपलब्ध टीके सुरक्षित और असरदार हैं । यह टीके जिस कोल्ड चेन में रखे जाते हैं उसकी नियमित मॉनिटरिंग की जाती है और टीकों की गुणवत्ता पर विशेष जोर रहता है । उक्त बातें मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. आशुतोष कुमार दूबे ने कहीं । वह सीएमओ कार्यालय में शनिवार को आयोजित मीडिया संवेदीकरण कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे । उन्होंने बताया कि इन टीकों से वंचित बच्चों और गर्भवती को लाभ देने के लिए सात मार्च से मिशन इंद्रधनुष और 20 मार्च से पल्स पोलियो अभियान चलाया जाएगा । सीएमओ ने समुदाय से आगे आकर सहयोग करने की अपील की ।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि मिशन इंद्रधनुष के तहत 11652 बच्चों और 3813 गर्भवती को नियमित टीकाकरण के लिए चिन्हित किया गया है जिनका शत प्रतिशत टीकाकरण किया जाएगा । इसके अलावा पल्स पोलियो अभियान में 6.83 लाख बच्चों को पोलियो की खुराक दी जाएगी जिसके लिए बूथ दिवस के अलावा 8.80 लाख घरों का भी टीम द्वारा भ्रमण किया जाएगा । गर्भवती को टीकाकरण के अलावा प्रसव पूर्व सेवाएं भी दा जाएंगी । दोनों अभियानों में विश्व स्वास्थ्य संगठन, यूनिसेफ और यूएनडीपी जैसी संस्थाएं भी तकनीकी सहयोग प्रदान कर रही हैं । नियमित टीकाकरण की सुविधा और पल्स पोलियो की खुराक निःशुल्क उपलब्ध कराई जाती है । इस बार टीकाकरण अभियान में घूमन्तू बच्चों, ईंट भट्ठों पर रहने वाले बच्चों और मलिन बस्तियों पर विशेष जोर होगा ।

इस अवसर पर जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. एएन प्रसाद, एसीएमओ आरसीएच डॉ. नंद कुमार, जिला सर्विलांस अधिकारी डॉ. एके चौधरी, एसीएमओ डॉ. एके प्रसाद, जिला स्वास्थ्य शिक्षा एवं सूचना अधिकारी केएन बरनवाल, उप जिला स्वास्थ्य शिक्षा एवं सूचना अधिकारी सुनीता पटेल, एआरओ एसएन शुक्ला, डब्ल्यूएचओ के एसएमओ डॉ. संदीप पाटिल और यूनिसेफ के डीएमसी डॉ. हसन फहीम प्रमुख तौर पर मौजूद रहे ।

12 बीमारियों से बचाते हैं टीके : जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. एएन प्रसाद ने बताया कि नियमित टीकाकरण के अंतर्गत पांच साल में सात बार टीकाकरण करवाना अनिवार्य है । यह टीके 12 प्रकार की बीमारियों से सुरक्षा प्रदान करते हैं। टीबी, पोलियो, हेपेटाइटिस बी, डिप्थीरिया, टीटनेस, मिजिल्स, परट्यूटिस (काली खांसी), रूबेला, दिमागी बुखार (जेई), निमोनिया, वायरल डायरिया और इंसेफेलाइटिस से बचाने में टीकों की भूमिका अहम है। जहां निजी अस्पतालों में इन बीमारियों से बचाव के लिए महंगे दामों पर टीके लगवाने पड़ते हैं वहीं सरकारी अस्पतालों में यह टीके पूरी तरह से निःशुल्क हैं ।


आईएमए के साथ बैठक : मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के साथ भी बैठक की और उनसे दोनों अभियानों को सफल बनाने की अपील की । बैठक के दौरान यह भी अपील की गयी कि निजी चिकित्सक लोगों को नियमित टीकाकरण का महत्व समझाएं और जरूरतमंद लोगों को निःशुल्क टीकाकरण की सुविधा प्राप्त करने के लिए प्रेरित करें । आईएमए के अध्यक्ष डॉ. शिवशंकर शाही ने संस्था की तरफ से पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया ।

अभियानों पर एक नजर

मिशन इंद्रधनुष (सात से पंद्रह फरवरी तक)

कुल टीम-3869
एएनएम-669
आशा-3647
आंगनबाड़ी-2282
सुपरवाईजर-182


पल्स पोलियो अभियान

•    20 मार्च-बूथों पर पोलियो की दवा पिलाएंगे
•    21 से 25 मार्च तक-टीम घर-घर भ्रमण करेंगी
•    28 मार्च को बी टीम कार्य करेगी