टीबी संबंधी सेवाओं के सुदृढ़ीकरण के लिए 15 मई से विशेष अभियान



  • विशेष अभियान से पूर्व ग्राम स्तर पर होंगे जागरूकता कार्यक्रम
  • उपचार बीच में छोड़ गए क्षय रोगियों को पुनः उपचार पर लाया जाएगा
  • सीएचओ को दिया गया प्रशिक्षण

कानपुर नगर - माननीय प्रधानमंत्री जी के वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त भारत के लक्ष्य को हासिल करने के क्रम में उपचार बीच में छोड़ गए क्षय रोगियों को पुनः उपचार पर लाया जाएगा। राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीईपी) के कर्मचारी ऐसे रोगियों की सूची तैयार कर संबंधित सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी (सीएचओ) को उपलब्ध कराएंगे। 15 मई से सीएचओ के माध्यम से विशेष क्षय रोगी खोज अभियान चलाया जाएगा। सोमवार को पहले चरण में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र चौबेपुर सीएचओ को एक दिवसीय में जिला कार्यक्रम समन्वयक राजीव सक्सेना की अध्यक्षता में प्रशिक्षण दिया गया।

जिला क्षयरोग अधिकारी डॉ एपी मिश्रा के बताया की विशेष अभियान के दौरान आशा- आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की मदद से अधिक से अधिक टीबी रोगी खोजकर उनका तत्काल उपचार शुरू करना है, इसके साथ ही उपचार बीच में छोड़ गए क्षय रोगियों की टीबी चैंपियन की मदद से काउंसलिंग कर उन्हें पुनः उपचार पर लाना है। उन्होंने कहा कि टीबी मुक्त भारत का लक्ष्य हासिल करने के लिए समाज के हर व्यक्ति को अपना योगदान देना होगा।  

जिला कार्यक्रम समन्वयक राजीव सक्सेना ने बताया – हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर (एचडब्ल्यूसी) पर टीबी संबंधी सेवाओं के सुदृढ़ीकरण के लिए विशेष अभियान की सीएमओ डा.आलोक रंजन के निर्देश में विस्तृत कार्ययोजना तैयार की जा रही है। अभियान के लिए सीएचओ को प्रशिक्षण दिया गया है। अभियान के प्रति ग्राम स्तर तक संवेदीकरण के लिए ग्राम प्रधान की अध्यक्षता में विलेज हेल्थ सेनीटेशन एंड न्यूट्रीशियन कमेटी) की बैठकें की जाएंगी। हर एचडब्ल्यूसी के क्षेत्र में उच्च प्राथमिकता (दूरस्थ, घनी आबादी और मलिन बस्ती) वाले क्षेत्रों का चयन किया जा रहा है। राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीईपी) के स्टाफ द्वारा सूची तैयार कर नौ मई तक संबंधित सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी (सीएचओ) को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं।

उन्होंने बलगम के नमूने की पैकिंग की जानकारी दी। बताया की सभी एचडब्ल्यूसी से जोड़े गए दो-दो टीबी चैंपियन ( महिला-पुरुष) की सूची संबंधित सीएचओ को उपलब्ध करायी जाएगी। इसके साथ ही ग्राम स्तर पर हेल्थ कैंप की सूची तैयार कर प्रभारी चिकित्सा अधिकारी के माध्यम से सीएचओ को भेजी जाएगी। सूची में समय, दिनांक और स्थान का उल्लेख होगा। अभियान से पूर्व सभी एचडब्ल्यूसी पर शुगर और एचआईवी जांच किट की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी। इसके साथ ही जागरूकता बढ़ाते हुए ग्रामीणों को टीबी मुक्त ग्राम पंचायत ‌के लिए प्रेरित किया जाएगा। उन्होंने बताया -जिला स्तर पर अभियान का पर्यवेक्षण खुद सीएमओ, एसीएमओ, डिप्टी सीएमओ, जिला कार्यक्रम प्रबंधक (डीपीएम) और जिला कम्युनिटी प्रोसेस मैनेजर (डीसीपीएम) करेंगे। ब्लॉक स्तर पर प्रभारी चिकित्सा अधिकारी, ब्लॉक कार्यक्रम प्रबंधक (बीपीएम) और ब्लॉक कम्युनिटी प्रोसेस मैनेजर (बीसीपीएम) अभियान का पर्यवेक्षण करेंगे। शासन स्तर से अभियान की साप्ताहिक समीक्षा की जाएगी।