उत्तर प्रदेश में सांस्कृतिक संरक्षण के लिए बड़ा कदम, पर्यटन निदेशालय और इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र ने किया एमओयू



लखनऊ। उत्तर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह की गरिमामयी उपस्थिति में आज पर्यटन निदेशालय गोमतीनगर में उत्तर प्रदेश राज्य पुरातत्व निदेशालय और इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र, नई दिल्ली के बीच एक महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए।इस अवसर पर मंत्री जयवीर सिंह ने कहा कि यह समझौता ज्ञापन भारतीय कलाओं, साहित्य, नृत्य, संगीत, नाटक और दृष्य कलाओं के अनुसंधान तथा भारत की सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण के लिए समर्पित है। एमओयू का उद्देश्य दोनों संस्थाओं के बीच सहयोग, भूमिकाओं और जिम्मेदारियों का एक साझा ढांचा तैयार करना है, ताकि संयुक्त रूप से कार्य करने के लिए एक ठोस आधार स्थापित किया जा सके।

उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश राज्य पुरातत्व विभाग के अंतर्गत कुल 273 स्मारक और पुरास्थल संरक्षित हैं, जिनमें सोनभद्र, मीरजापुर जैसे स्थानों पर प्रागैतिहासिक से मध्यकाल तक के शैलचित्र शामिल हैं। इस समझौता ज्ञापन के तहत अनुसंधान, शैक्षणिक कार्यक्रम, प्रौद्योगिकी और इनक्यूबेशन को बढ़ावा देने के प्रयास किए जाएंगे। श्री सिंह ने कहा कि यह एमओयू शैलचित्र और पुरातत्व के क्षेत्र में अल्पकालिक शैक्षणिक और प्रशिक्षण कार्यक्रमों के आयोजन को भी प्रमुखता देगा। इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र नई दिल्ली मानव संस्कृति और ब्रह्माण्ड के विज्ञान के बीच अंतःविषय संबंधों का अध्ययन करता है और शोध तथा अध्ययनों के माध्यम से दृश्य रूप में प्रदर्शित करता है। यह समझौता उत्तर प्रदेश की सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण और संवर्धन में अहम भूमिका निभाएगा और लोक कलाओं जैसे गीत-संगीत, नृत्य और नाटक को बढ़ावा देगा।

कार्यक्रम में प्रमुख सचिव संस्कृति एवं पर्यटन विभाग मुकेश मेश्राम ने कहा कि कला केंद्र दिल्ली और उत्तर प्रदेश संस्कृति विभाग आपसी सहयोग एवं समन्वय से कार्य करते हुए सांस्कृतिक धरोहर को भावी पीढ़ियों तक पहुंचाने के लिए तत्पर रहेंगे। एमओयू पर उत्तर प्रदेश राज्य पुरातत्व निदेशालय की निदेशक रेनू द्विवेदी और इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र, नई दिल्ली के आदि दृश्य विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. ऋचा नेगी ने हस्ताक्षर किए।

इस अवसर पर पर्यटन विभाग के सलाहकार जे.पी. सिंह, संस्कृति विभाग के विशेष सचिव संजय कुमार सिंह, संयुक्त सचिव उमा द्विवेदी और अन्य विभागीय अधिकारीगण भी उपस्थित रहे। यह समझौता उत्तर प्रदेश की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित करने और उसका प्रचार-प्रसार करने में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा।