- डीटीओ को आईसीडीएस के साथ तालमेल बनाकर काम करने के निर्देश
- इस साल छह साल तक के 7662 बच्चे मिले टीबी ग्रसित, चल रहा इलाज
लखनऊ - संयुक्त निदेशक (क्षय)/राज्य क्षय नियन्त्रण कार्यक्रम अधिकारी डॉ. शैलेन्द्र भटनागर का कहना है कि देश को वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त बनाने के प्रधानमंत्री के संकल्प को साकार करने के लिए जरूरी है कि विभागों के साथ तालमेल बनाकर युद्धस्तर पर कार्य किया जाए। टीबी की स्क्रीनिंग और जांच के दायरे को बढ़ाने के साथ ही टीबी ग्रसित छह साल तक के बच्चों को अतिरिक्त पोषाहार दिलाना सुनिश्चित किया जाए।
संयुक्त निदेशक (क्षय) ने इस सम्बन्ध में प्रदेश के समस्त जिला क्षय रोग अधिकारियों (डीटीओ) को पत्र भेजकर आवश्यक निर्देश दिए हैं। डॉ. भटनागर का कहना है कि इस साल नोटिफाई किये गए मरीजों में छह साल तक के 7662 बच्चे टीबी ग्रसित पाए गए हैं, जिनका अभी भी उपचार चल रहा है। इनमें से केवल दो प्रतिशत बच्चों को ही अतिरिक्त पोषाहार उपलब्ध कराया गया है, जबकि बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग 23 जनवरी 2023 को समस्त जिला कार्यक्रम अधिकारियों और प्रभारी जिला कार्यक्रम अधिकारियों को इस बारे में पत्र जारी कर चुका है। इसलिए हर माह छह वर्ष तक के टीबी ग्रसित बच्चों की सूची आंगनबाड़ी केंद्रवार तैयार कर बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग से साझा की जाए ताकि ऐसे बच्चों को समय से अतिरिक्त पोषाहार मिल सके। इसके अलावा निक्षय पोर्टल पर कम्युनिटी सपोर्ट पर सूचना अपडेट करें जिससे राज्य स्तर पर इसका अनुश्रवण किया जा सके। इसके अलावा महीने में एक बार बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग के साथ बैठक कर गंभीर कुपोषित और अति गंभीर कुपोषित बच्चों की निगरानी करने की कार्ययोजना तैयार की जाए। डॉ. भटनागर का कहना है कि टीबी की दवाओं के सेवन के साथ पुष्टाहार भी बहुत जरूरी है ताकि जल्दी से जल्दी बीमारी से निजात मिल सके।