- ब्लॉक सरसौल के तीन और ब्लॉक भीतरगाँव के दो गाँव का किया दौरा
- फाइलेरिया नेटवर्क सदस्यों से जाना कैसे कर रहें दवा खिलाने को प्रेरित
कानपुर नगर - राष्ट्रीय फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम अंतर्गत चल रहे ‘सर्वजन दवा सेवन अभियान’ की हकीकत जानने के लिए शुक्रवार को भारत सरकार की दो सदस्यीय टीम जिले में पहुंची। दो दिवसीय भ्रमण पर पहुंची चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, भारत सरकार (वेक्टर बॉर्न डिजीज कंट्रोल प्रोग्राम) की केंद्रीय टीम के फाइलेरिया सलाहकार आशीष कुमार और टेक्निकल ऑफिसर राहुल कुमार सिंह ने पहले दिन ब्लॉक सरसौल व भीतरगाँव के विभिन्न गांवों का दौरा कर फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम (आईडीए राउंड) की स्थलीय सच्चाई जानी। दोनों ही ब्लॉकों में कार्य कर रहे फाइलेरिया नेटवर्क सदस्यों से यह भी जाना की वह सभी इंकार करने वाले परिवारों को किस तरह समझा कर दवा खिलाने को प्रेरित कर रहे हैं।
इस मौके पर उन्होंने सबसे पहले ब्लॉक की प्रोफाइल, आशा कार्यकर्ताओं टीमों संख्या और आईडीए राउंड के प्लान की जानकारी जिला मलेरिया अधिकारी एके सिंह से प्राप्त की। इसके बाद टीम के साथ जिला मलेरिया अधिकारी व सहयोगी संस्था विश्व स्वास्थ्य संगठन, सीफार और पीसीआई इंडिया के प्रतिनिधि हांथीपुर, रहनस और फतेहपुरवा गांव पहुंचे। टीम आशा कार्यकर्ता के क्षेत्र में बुरा प्रसाद के घर पहुंची, वहां पर बूरा प्रसाद और उनकी पत्नी से मुलाकात हुई। उन्होंने बताया कि घर में कुल छह लोग हैं। जिनमें से दो लोगों ने फाइलेरिया से बचाव की दवा खाई है। शेष के बारे में आशा कार्यकर्ताने बताया कि परिवार में एक गर्भवती, दो बीमार है और एक लोग बाहर हैं। इसके बाद टीम ने रहनस गांव के फैज़ान के घर पर दस्तक दी। फैज़ान ने बताया कि चार दिन पूर्व परिवार के सभी चारों सदस्यों ने आशा द्वारा खिलाई गई दवा खाई है। दवा खाने के बाद किसी को कोई भी कोई परेशानी नहीं हुई है। फैज़ान ने दवा खाने के बाद उगंली पर लगाए गए निशान को भी दिखाया। इसके बाद टीम इसी गांव के अभय तिवारी के घर पहुंची अभय ने बताया कि परिवार के सभी सदस्य फाइलेरिया से बचाव की दवा आशा कार्यकर्ता के सामने ही चार दिन पूर्व ही खाई है। दवा खाने के बाद किसी को कोई समस्या नहीं हुई है। इसके बाद टीम हांथीपुर गांव के अजय पाल के घर पहुंची। गांव की आशा कार्यकर्ता और उनका सहयोगी यहीं पर मिले। बातचीत के दौरान अजय ने बताया कि परिवार में कुल छह लोग है। इन सभी ने टीम के सामने ही आशा से लेकर फाइलेरियारोधी दवा का सेवन किया।
ब्लॉक भीतरगांव में भी टीम गाँव सार और अमौर पहुंची। उन्होंने कुछ घरों के परिवारों से दवा सेवन करने के बारे में पूछा कि उन्हें आशा द्वारा दवा वितरित की गयी या आशा ने अपने सामने ही दवा खिलायी। टीम ने पाया कि किसी को भी दवा का वितरण नहीं किया गया है, सभी को आशा कार्यकर्ता ने अपने सामने ही दवा खिलाई है। टीम ने अभियान में लगे कर्मियों के पास दवा, चाक, मार्कर और बुकलेट की उपलब्धता तथा घरों पर मार्किंग का भी गहन पर्यवेक्षण किया।
इस दौरान उन्होंने कहा कि दवा बांटी न जाए और दवा खिलाने के बाद उंगली पर निशान अवश्य लगाया जाए। प्रतिरोधी परिवारों की सूची बनाकर ग्राम विकास अधिकारी और एडीओ पंचायत को देकर सुनिश्चित किया जाए कि सभी लोगों को दवा का सेवन करा दिया गया है।
दोनों ही ब्लॉकों के गाँवों में टीम द्वारा वह बने हुए फाइलेरिया नेटवर्क के सदस्यों से बातचीत की। प्रतिरोधी परिवारों को बीमारी की गंभीरता बता कर फाइलेरिया से बचाव की दवा भी खिलवाई। इसके साथ ही एडीज़ लार्वा प्रजनन स्थलों को भी नष्ट करवाया। विभिन्न गांवों का दौरा करने के बाद टीम सीएमओ ऑफिस पहुंच कर वीबीडी नोडल डॉ. आरपी मिश्रा से मुलाकात कर जिले में फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम की प्रगति की समीक्षा की।