आंगनबाड़ी केंद्रों पर आयोजित हुआ गोद भराई कार्यक्रम



  • जिले में लगभग 3500 गर्भवती की हुई गोद भराई

लखनऊ - आंगनबाड़ी केंद्र उद्वतखेड़ा,लवकुश नगर, गोड़ियनपुरवा सहित जनपद के सभी आंगनबाड़ी केंद्रों पर  मंगलवार को  गोद भराई कार्यक्रम आयोजित हुआ। जिसमें लगभग 3500 गर्भवती की गोद भराई की गयी।

बक्शी का तालाब ब्लॉक के आँगनबाड़ी केंद्र गोड़ियनपुरवा की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता विद्यावती बताती हैं कि उन्होंने केंद्र पर गर्भवती आरती की गोदभराई की। गोद भराई में गर्भवती को लैया, गुड़, स्थानीय सब्जी  चना, फल और दालें दीं। इसके साथ ही उन्हें बताया कि गर्भावस्था के दौरान नियमित भोजन के अलावा एक  अतिरिक्त आहार जरूर लेना चाहिए। भोजन में चार रंग के खाद्य पदार्थों जैसे दूध, दूध से बने पदार्थ, पीले और नारंगी फल व सब्जियां, हरी पत्तेदार सब्जियों को शामिल करें। रोज चावल, दाल, अंकुरित अनाज का सेवन करें। एएनएम दीदी जो आयरन और कैल्शियम की गोलियां खाने को देती हैं वह जरूर खाएं। इस बात का ध्यान रखें कि आयरन और कैल्शियम को एक साथ नहीं खाना है। आयरन को रात में खाना खाने के बाद लें। इसे नींबू पानी, आँवला के साथ लेने का प्रयास करें इससे शरीर में आयरन का अवशोषण बढ़ता है। इसके साथ ही कैल्शियम की गोलियां दूध के साथ लें। खाने में स्थानीय जो भी फल उपलब्ध हों उन्हें जरूर खाएं। इसके साथ ही जो पोषाहार मिलता है उसका सेवन करें। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता ने बताया कि हम गर्भवती को यह भी बताते हैं कि प्रसव से पहले कुछ तैयारियाँ भी करनी चाहिए जैसे पैसे की बचत, प्रसव के समय अस्पताल ले जाने के लिए व्यक्ति की पहचान आदि।

बाशा सेक्टर की सुपरवाइजर ज्योति सिंह ने बताया कि गोदभराई के दौरान गर्भवती और उसके परिवार वालों को खान-पान, आराम, प्रसव की तैयारियों की सलाह दी जाती है। पहली तिमाही की गर्भवती की गोदभराई की जाती है।

बक्शी का तालाब परियोजना के बाल विकास परियोजना अधिकारी जय प्रताप सिंह ने बताया कि सितंबर माह पोषण माह के रूप में मनाया जा रहा है। इस दौरान गोदभराई कार्यक्रम की सार्थकता बढ़ जाती है।

जिला कार्यक्रम अधिकारी राजेश कुमार ने बताया कि यह गोद भराई समुदाय आधारित कार्यक्रम है। गोद भराई एक परंपरा है जिसमें गर्भवती की गोद भराई की जाती है। इसी आधार पर आंगनबाड़ी केंद्रों पर यह रस्म शुरू की गई है। जिसमें समुदाय की सहभागिता भी होती है |