गर्भावस्था के जोखिम को समझें और बरतें सावधानी : डॉ. जैसवार



  • जरा सी चूक, कर सकती हैं गर्भस्थ शिशु को माँ से दूर
  • रक्तस्राव, हाथ व चेहरे पर सूजन, धुंधला दिखायी देना, खतरे के प्रमुख लक्षण

लखनऊ। गर्भावस्था एक सामान्य एवं प्राकृतिक प्रक्रिया है। बहुत सी महिलाओं के लिए यह प्रक्रिया बिना किसी आपात स्थिति के सहज ही गुजर जाती है, लेकिन बहुत सी महिलाओं एवं उनके भ्रूण के लिए यह प्रक्रिया सहज नहीं होती। ऐसे में महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान होने वाले सभी खतरों के लक्षणों की जानकारी होना बहुत जरूरी है, जिससे कि वह समय पर इसके निदान के लिए चिकित्सक की मदद ले सकें।

राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वे- 5 (2019-21) के अनुसार लगभग 13 प्रतिशत भ्रूण गर्भ में ही ख़त्म हो गए थे, जिसमें आठ प्रतिशत महिलाओं का स्वाभाविक रूप से गर्भपात हो गया था और लगभग चार प्रतिशत महिलाओं को गर्भपात किन्हीं कारणों से कराना पड़ा। गर्भावस्था के दौरान कई ऐसी शारीरिक समस्याएं होती हैं जिनका निदान समय पर न होने से गर्भपात हो जाता है । यह समस्याएं ख़तरे के लक्षण के रूप में दिखायी देती हैं।

क्वीन मैरी अस्पताल के प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. एस पी जैसवार बताती हैं कि प्रत्येक गर्भवती और उसके परिवार को गर्भावस्था के दौरान होने वाले खतरों के लक्षणों को जानना आवश्यक होता है । इसके साथ ही उन सुझावों पर अमल करना जरूरी होता है जो कि चिकित्सक द्वारा दिए गए हैं। ख़तरे के लक्षणों में रक्तस्राव, हाथ व चेहरे पर सूजन, धुंधला दिखाई देना, झटके आना, बुखार, बदबूदार स्राव, रतौंधी, चक्कर आना, दौरे पड़ना, आदि प्रमुख हैं ।

डॉ. जैसवार बताती हैं कि रक्तस्राव होने के कई कारण होते हैं। पहली तीमाही में रक्तस्राव होना गर्भपात की संभावना को पैदा करता है, कई बार यह एक्टोपिक प्रेगनेंसी के कारण होता है, यानि भ्रूण गर्भ में न ठहर कर बच्चेदानी की नली में ठहर जाता है। ऐसी दशा में बिना देरी के गर्भपात ही कराना होता है। दूसरी तीमाही में रक्तस्राव लो लाइन प्लेसेंटा यानि भ्रूण की दशा नीचे की तरफ होती है, वहीँ तीसरी तीमाही में रक्तस्राव लो लाइन प्लेसेंटा या उच्च रक्तचाप की वजह से प्लेसेंटा अपनी जगह से हट जाता है। ऐसी दशा में तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।

डॉ. जैसवार के अनुसार उच्च रक्तचाप, खून की कमी, दिल की बीमारी आदि की वजह से चेहरे पर सूजन आ जाती है, वहीँ उच्च रक्तचाप और शुगर की वजह से गर्भवती को धुंधला दिखायी देता है। यदि गर्भवती को थायरायड की समस्या है तो संभावना है कि बच्चा समय से पहले हो जायेगा, या मानसिक रूप से बीमार होता है।

गर्भवती और उसके परिवार को इन सभी लक्षणों की समझ होनी चाहिए, इसके लिए वह डॉक्टर से संपर्क कर सकते है, और किसी भी ऐसी स्थिति में डॉक्टर की सलाह के बिना कोई कदम नहीं उठाना चाहिए।