नई दिल्ली(हेल्थ डेस्क) - रेटिनोब्लास्टोमा, एक दुर्लभ नेत्र कैंसर है जो खासकर 5 साल से कम उम्र के बच्चों में पाया जाता है। भारत में इस बीमारी के मामले अन्य देशों की तुलना में काफी अधिक हैं, और विशेषज्ञों का कहना है कि समय रहते इसका पता चलना और इलाज होना बेहद जरूरी है। इससे बच्चों की आंखों को बचाया जा सकता है।
विशेषज्ञों का कहना है कि रेटिनोब्लास्टोमा अक्सर अनुवांशिक होती है और बच्चों की आंखों में सफेद चमक का कारण बन सकती है। अगर किसी बच्चे की आंखों में सफेद चमक दिखाई दे, तो इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए, क्योंकि यह कैंसर का एक महत्वपूर्ण संकेत हो सकता है।
विशेषज्ञों के मुताबिक, भारत में रेटिनोब्लास्टोमा के मामलों की संख्या अन्य देशों से ज्यादा है, जो इस बात को साबित करता है कि इसके बारे में जागरूकता फैलाने की जरूरत है। एम्स में इस बीमारी का इलाज गामा नाइफ रेडिएशन से किया जा रहा है, जो एक उन्नत और प्रभावी तकनीक है। इसका इस्तेमाल बच्चों की आंखों की सुरक्षा के लिए किया जाता है।
समय पर इलाज से आंखों को बचाया जा सकता है, जबकि देर होने पर यह कैंसर बच्चे की आंखों और जीवन के लिए गंभीर खतरा बन सकता है।
डिसक्लेमर: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।