इस बार अपनों के साथ घर पर मनाओ त्योहार : सिटिजन जर्नलिस्ट डॉ. अनुरुद्ध वर्मा



- घर पर ही करें पूजा-पाठ, बाहर जाएँ तो उचित दूरी का रखें ख्याल
- घर पर बनी सामग्रियों को ही खानपान में शामिल करने पर दें जोर

लखनऊ, 14 अक्टूबर-2020 - कोरोना संक्रमण के बीच एक बार फिर इसी महीने से कई प्रमुख त्योहारों की शुरुआत होने जा रही है, जिसमें नवरात्रि, दशहरा, दीपावली और क्रिसमस जैसे प्रमुख त्योहार शामिल हैं । इन त्योहारों को अपने घर-परिवार और समुदाय के बीच मनाने की खास परम्परा रही है किन्तु इस बार कोरोना के चलते इसमें खास सावधानी बरतने के साथ ही कुछ जरूरी बदलाव लाने की भी जरूरत है ताकि यह लगाव और आदर - प्यार आगे भी बरकरार रहे ।

​यह कहना है केन्द्रीय होम्योपैथिक परिषद के पूर्व सदस्य और स्वास्थ्यगत मुद्दों पर समुदाय को जागरूक करने में जुटे होम्योपैथिक चिकित्सक डॉ. अनुरुद्ध वर्मा का । उनका कहना है कि कोरोना काल में त्योहारों को मनाने को लेकर सरकार द्वारा भी जरूरी दिशा- निर्देश जारी किये गए हैं, उसका पालन करते हुए ही इस बार यह त्योहार मनाएं क्योंकि हर किसी को मालूम है कि अभी स्थितियां विपरीत हैं, इसलिए इस बार अगर मिलना जुलना न हो पाए तो इसमें बुरा मानने जैसी कोई बात नहीं है । लगाव दिलों से बरक़रार रखना है, एक दूसरे को फोन या अन्य माध्यमों से बधाई प्रेषित कर खुशियाँ जताएं ताकि खुद सुरक्षित रहें और दूसरों को भी सुरक्षित बना सकें ।

घर पर ही पूजा पाठ करें :  डॉ. वर्मा का कहना है कि कोरोना काल में पूजा पंडालों में न जाकर घर पर ही पूजा-पाठ को प्राथमिकता देना चाहिए । बुजुर्ग, गर्भवती और बच्चों को तो खास तौर पर भीडभाड़ वाले स्थानों जैसे - पूजा पंडाल और मेला आदि में शामिल होने से पूरी तरह बचना चाहिए क्योंकि उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होने के चलते संक्रमण की जद में जल्दी आने की सम्भावना रहती है ।

घर पर बनी वस्तुओं से खुशियाँ बाँटें : मिठाइयों और पकवानों के लिए प्रसिद्घ इन त्योहारों पर इस बार बाहर की बनी वस्तुओं पर निर्भर रहना ठीक नहीं, जितना संभव हो सके घर पर ही इसे बनाएं और एक-दूसरे से खुशियाँ बाँटें । बाहर से आने वाली वस्तुएं न जाने कितने हाथों से होकर घर तक पहुँचती हैं, ऐसे में संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है, त्योहार का रंग भंग न होने पाए, इसलिए जरूरी है कि इन छोटे-छोटे उपायों पर पूरा ध्यान रखें ।  

मास्क या टिश्यू पेपर को बंद डस्टबिन में ही डालें : किसी धार्मिक आयोजन में शामिल होने के लिए अगर जा भी रहे हैं तो ध्यान रहे कि वहां कोरोना से सुरक्षित रहने के लिए हर किसी का स्वस्थ स्वास्थ्य व्यवहार को अपनाना बहुत जरूरी है । सार्वजनिक स्थलों पर खासकर खांसते-छींकते समय मुंह व नाक को रुमाल या टिश्यू पेपर से अवश्य ढक लें और टिश्यू या मास्क को बंद डस्टबिन में ही डालें और हाथों को साबुन-पानी या सेनेटाइजर से स्वच्छ कर लें ।  

यात्रा के दौरान रखें जरूरी ख्याल : अनलॉक के साथ ही परिवहन सेवाएं भी शुरू हो चुकी हैं । दशहरा या दीपावली पर अपने घर या रिश्तेदार के यहाँ जा रहे हैं तो सार्वजनिक वाहनों से यात्रा के दौरान विशेष सावधानी बरतें । यात्रा के दौरान मास्क से नाक और मुंह को अच्छी तरह से ढककर रखें । एक दूसरे से उचित दूरी बनी रहे, बस-ट्रेन की खिड़की आदि को अनावश्यक छूने से बचें, सेनेटाइजर को जरूर पास रखें और हाथों की स्वच्छता बनाए रखें । यात्रा के दौरान बाहर का कुछ भी खाने-पीने से बचें ।

पटाखों से रहें दूर - फेफड़ों को कर सकता है प्रभावित : डॉ वर्मा का कहना है कि दीपावली पर इस बार पटाखों से पूरी तरह से तौबा करने में ही सच्ची समझदारी है क्योंकि कोरोना सबसे ज्यादा फेफड़ों पर ही असर डाल रहा है । पटाखों का शोर और उसका धुआं हमारी साँसों और फेफड़ों को प्रभावित कर सकता है । इसलिए खुद के साथ, घर-परिवार और समुदाय को सुरक्षित बनाने के लिए इस बार पटाखों से दूर रहें ।