इसी महीने शुरू होगी भारत-चीन के बीच डायरेक्ट फ्लाइट सेवा, पांच साल बाद हो रही बहाल



नई दिल्ली। भारत और चीन के बीच डायरेक्ट फ्लाइट सेवाएं पांच साल बाद अक्टूबर के अंत तक फिर से शुरू हो सकती हैं। विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को यह जानकारी दी है । भारत और चीन के नागरिक उड्डयन प्राधिकरण इस साल की शुरुआत से दोनों देशों के बीच सीधी हवाई सेवाओं को फिर से शुरू करने और एक संशोधित हवाई सेवा समझौते पर चर्चा कर रहे हैं। यह भारत सरकार की दोनों देशों के बीच संबंधों को धीरे-धीरे सामान्य करने की नीति का हिस्सा है। विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान के अनुसार, इन चर्चाओं के बाद अब यह सहमति बनी है कि भारत और चीन के बीच नामित स्थानों को जोड़ने वाली डायरेक्ट फ्लाइट सेवाएं अक्टूबर 2025 के अंत तक शुरू हो सकती हैं। यह शीतकालीन मौसम की समय-सारिणी के अनुसार होगा, बशर्ते दोनों देशों की नामित एयरलाइंस का व्यावसायिक निर्णय और सभी परिचालन मानदंड पूरे हों।

मिली जानकारी के अनुसार नागरिक विमानन प्राधिकरणों के इस समझौते से भारत और चीन के बीच लोगों के बीच संपर्क को और बढ़ावा मिलेगा, जिससे द्विपक्षीय आदान-प्रदान को धीरे-धीरे सामान्य बनाने में मदद मिलेगी। सीधी उड़ानें डोकलाम विवाद के बाद बंद कर दी गई थीं और कोविड-19 महामारी के कारण इसे और आगे टाला गया था ।

पिछले महीने, शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन के दौरान तियानजिन में अपनी बैठक के दौरान, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने वार्ता, विश्वास-निर्माण उपायों और क्षेत्रीय जुड़ाव को प्राथमिकता देने के दोनों देशों के व्यावहारिक दृष्टिकोण पर विचार किया था। बैठक का उद्देश्य द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करना तथा भारत-चीन संबंधों में हाल की प्रगति को आगे बढ़ाना था। दोनों देशों ने 3,500 किमी लंबी वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर गश्त के नियमों पर सहमति बनाई, जिससे चार साल पुराना सीमा विवाद कम हुआ।

विदेश मंत्रालय के अनुसार, दोनों नेताओं ने पिछले साल हुए समझौते और सीमा पर शांति बनाए रखने की सराहना की है । उन्होंने आपसी सहमति से सीमा मुद्दे का उचित समाधान निकालने और दोनों देशों के लोगों के दीर्घकालिक हितों को ध्यान में रखने की प्रतिबद्धता जताई है । दोनों नेताओं ने इस महीने की शुरुआत में विशेष प्रतिनिधियों की बातचीत में लिए गए महत्वपूर्ण निर्णयों का समर्थन करने पर भी सहमति जताई है ।

सितंबर में चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने भारत का दौरा किया था और सीमा मुद्दे पर विशेष प्रतिनिधि वार्ता की थी । उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से मुलाकात में कहा कि स्थिर भारत-चीन संबंध दोनों देशों के हित में है और विकासशील देश इसे चाहते हैं। इससे पहले, लंबे समय से स्थगित कैलाश-मानसरोवर यात्रा को 2025 की गर्मियों के लिए बहाल कर दिया गया था।