बाल स्वास्थ्य पोषण माह के तहत बुधवार से शुरू होगा अभियान



  • 9 माह से 5 साल तक के 1.68 लाख बच्चों को विटामिन ए की खुराक पिलाने का लक्ष्य
  •  रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने को साल में दो बार दी जाती है विटामिन ए की खुराक

औरैया - राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत आगामी बुधवार यानि 28 दिसंबर से बाल स्वास्थ्य पोषण माह का आयोजन होगा। इस विशेष आयोजन के दौरान नौ माह से पांच वर्ष तक के 1.68 लाख बच्चों को विटामिन ए की खुराक पिलाई जाएगी। अभियान पूरे माह चलेगा। इसे लेकर मुख्य चिकित्साधिकारी की अध्यक्षता में स्वास्थ्य विभाग और बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग की जिलास्तरीय अंतर्विभागीय बैठक शनिवार को संपन्न हुई ।

अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ.शिशिर पुरी ने बताया कि बाल स्वास्थ्य पोषण माह विटामिन ए संपूर्ण कार्यक्रम टीकाकरण का एक अभिन्न अंग है। प्रतिवर्ष दो बार छह-छह माह के अंतराल पर नियमित टीकाकरण, वीएचएनडी सत्रों पर आयोजित किया जाता है।  उन्होंने बताया कि शासन की ओर से नौ माह से 5 वर्ष के 1.68 लाख बच्चों को विटामिन ए की खुराक पिलाने का लक्ष्य निर्धारित है। इसमें 9 से 12 माह के बच्चों को आधा चम्मच (एक एमएल) और इसके बाद 5 साल तक के बालक-बालिकाओं को एक चम्मच (दो एमएल) विटामिन ए की खुराक दी जाएगी। दवा एएनएम पिलाएंगी। साथ ही अभियान के अंतर्गत कुपोषित एवं अति कुपोषित बच्चों की भी पहचान कर उनका समुचित उपचार किया जाएगा।

जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ.राकेश सिंह की यह कार्यक्रम ग्राम स्वास्थ्य पोषण दिवस (वीएचएनडी) एवं शहरी स्वास्थ्य पोषण दिवस (यूएचएनडी) पर आयोजित किए जाएंगे। इसमें आशा, आंगनबाड़ी और एएनएम अपने-अपने क्षेत्र के बच्चों को दवा पिलाने का काम करेंगी। उन्होंने बताया कि आकंड़ों के अनुसार एक हजार की आबादी पर 120 से 130 बच्चे इस आयु वर्ग के होते है। इसके लिए माइक्रोप्लान बना दिया गया है। साथ ही उपकेंद्र वार लक्ष्य निर्धारित कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि अभियान में यदि कोई क्षेत्र छूट जाता है तो उसके लिए अलग से अभियान चलाकर दवा पिलाने का काम होगा। सभी टीमों को निर्देशित किया गया है कि अभियान में कोरोना गाइडलाइन पालन का पालन करें और सैनिटाइजेशन भी करते रहे। एएनएम को निर्देशित किया गया है कि दवा पिलाने के बाद बच्चों के टीकाकरण कार्ड में भी इसको अंकित करें।

यूनिसेफ से नरेंद्र शर्मा ने बताया कि अभियान के दौरान नौ से 12 माह के 19124 , एक से दो साल के36032 , दो से पांच साल के 113497 बच्चों समेत कुल 168653 बच्चों को विटामिन ए की दवा पिलाई जानी है। इसका माइक्रोप्लान तैयार कर लिया गया है। ब्लाक वार लक्ष्य निर्धारित कर जिम्मेदारी दे दी गई
है।

बाल मृत्यु दर में आएगी कमी : जिला प्रतिरक्षण अधिकारी ने बताया कि विटामिन ए एक घुलनशील विटामिन है। जो शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। यह सूक्ष्म पोषक तत्व कुपोषण से बचाता है। प्रदेश में लगभग 60 फीसदी बच्चों में विटामिन ए की कमी होने का खतरा होता है, जो बच्चों में बीमारी और मृत्युदर की संभावनाओं को बढ़ाता है। विटामिन ए आंखों के लिए लाभदायक होता है। स्किन के लिए भी एक वरदान की तरह है। विटामिन ए से सेल्स को बढ़ने में सहायता मिलती है।