श्वसन चिकित्सा में अद्वितीय योगदान के लिए डॉ. सूर्यकान्त को अन्तरराष्ट्रीय सम्मान



लखनऊ । किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय, लखनऊ के रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. सूर्यकान्त को हाल ही में गाजियाबाद में आयोजित तीसरी ब्रोंकोपल्मोनरी वर्ल्ड कांग्रेस (बीडब्ल्यूसी) और  क्रिटिकल केयर पर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन (डब्ल्यू4सी) में नेशनल मेडिकल कमीशन ऑफ इंडिया के चेयरमैन डॉ. बी.एन. गंगाधर द्वारा सम्मानित किया गया। डॉ. सूर्यकान्त को यह प्रतिष्ठित सम्मान श्वसन चिकित्सा में उपचारात्मक सेवाओं, उच्चस्तरीय शोध और संस्थागत नेतृत्व में उनकी विशिष्ट भूमिका के लिए प्रदान किया गया।

डॉ.सूर्यकान्त को  विश्व के सर्वोच्च 2 प्रतिशत वैज्ञानिकों की श्रेणी में भी स्थान प्राप्त हुआ है। वे रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग में विगत 26 वर्षों से चिकित्सा शिक्षक, 20 वर्षों से प्रोफेसर एवं 14 वर्षों से विभागाध्यक्ष के रूप में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं। इसके अतिरिक्त वे चिकित्सा विज्ञान से संबंधित विषयों पर 22 पुस्तकें लिख चुके हैं तथा एलर्जी, अस्थमा, टीबी एवं कैंसर के क्षेत्र में उनके लगभग 1000 से अधिक शोध पत्र राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय जर्नल्स में प्रकाशित हो चुके हैं। उनके नाम दो अंतरराष्ट्रीय पेटेंट भी दर्ज हैं।                                                                                                                                 

डॉ.सूर्यकान्त की विशेषज्ञता उनके द्वारा निभाए गए अनेक प्रतिष्ठित पदों से परिलक्षित होती है। वर्तमान में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), पटना के इन्स्टीट्यूट एवं गवर्निंग बॉडी एवं बोर्ड ऑफ मैनेजमेन्ट, राजस्थान स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय, जयपुर  एवं राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के जोनल टास्क फोर्स (नॉर्थ जोन) के अध्यक्ष हैं, जिसके अंतर्गत छह राज्य और तीन केंद्र शासित प्रदेश शामिल हैं। वे इंडियन सोसाइटी फॉर स्टडी ऑफ लंग कैंसर के एडवाइजरी बोर्ड के सदस्य भी हैं तथा 30 से अधिक राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय जर्नल्स के सलाहकार/संपादकीय बोर्ड के सदस्य भी हैं।

डॉ.सूर्यकान्त पूर्व में इंडियन कॉलेज ऑफ एलर्जी, अस्थमा एंड एप्लाइड इम्यूनोलॉजी, इंडियन चेस्ट सोसाइटी, नेशनल कॉलेज ऑफ चेस्ट फिजिशियन्स (एनसीसीपी) और इंडियन साइंस कांग्रेस एसोसिएशन के मेडिकल साइंस प्रभाग के राष्ट्रीय अध्यक्ष रह चुके हैं। साथ ही, वे इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए), लखनऊ के अध्यक्ष, उत्तर प्रदेश आईएमए एकेडमी ऑफ मेडिकल स्पेशलिटीज के चेयरमैन और इंडियन स्टडी अगेंस्ट स्मोकिंग के महासचिव भी रह चुके हैं।

अब तक वे लगभग 200 एमडी/पीएचडी विद्यार्थियों का मार्गदर्शन कर चुके हैं, 50 से अधिक शोध परियोजनाओं का निर्देशन कर चुके हैं, और उन्हें 22 फैलोशिप एवं 20 ओरशन अवार्ड प्राप्त हुए हैं। डॉ० सूर्यकान्त को अब तक अंतरराष्ट्रीय, राष्ट्रीय एवं प्रदेश स्तर की विभिन्न संस्थाओं द्वारा कुल 216 पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है। डॉ० सूर्यकान्त पिछले 25 वर्षों से अधिक समय से अपने लेखों, वार्ताओं तथा टीवी, रेडियो एवं इलेक्ट्रॉनिक/प्रिंट/सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों में टीबी, अस्थमा, एलर्जी, लंग कैंसर एवं श्वसन संबंधी अन्य बीमारियों से बचाव और उपचार के प्रति जागरूकता फैला रहे हैं।