मानसिक विकार से ग्रसित व्यक्ति झाड़-फूंक से बचे



  • शिविर में 110 मरीज आए, 35 मानसिक रोगी चिन्हित
  • चार मरीजों को बांटे गए मानसिक दिव्यांग प्रमाण पत्र

कानपुर नगर  - मानसिक रोग न हो उसके लिए जागरूकता बहुत जरूरी है। परिवार को समय दे अपने माता-पिता व वृद्धजनों का सम्मान करें। मानसिक विकार से ग्रसित व्यक्ति को झाड़-फूंक के चक्कर में नहीं पड़ना चाहिए। उसे मानसिक रोग विशेषज्ञ को दिखाकर इलाज कराना चाहिए। क्योंकि इलाज कराने से ही मानसिक बीमारियों से छुटकारा मिलेगा।यह बातें सीएचसी सरसौल में गुरुवार को आयोजित मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता शिविर में मानसिक स्वास्थ्य नोडल अधिकारी डॉ महेश ने कहीं।  इसमें 110 मरीजों में 35 मानसिक रोगी पाए गए। गंभीर मरीजों को हॉयर सेंटर की सलाह दी गई। चार मरीजों के मानसिक दिव्यांग प्रमाण पत्र बनाए गए।

डॉ कुमार ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में ऐसे शिविरों के आयोजन से मरीजों को घर बैठे ही इलाज और सलाह मुहैया हो रही है। प्रदेश सरकार की पहल पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा किया जा रहा यह सराहनीय प्रयास है। मनोरोग चिकित्सक डॉ चिरंजीव प्रसाद ने बताया कि नींद न आना, बुद्धि का कम विकास होना, उलझन, घबराहट, मिर्गी के दौरे, किसी कार्य को बार-बार करना, साफ-सफाई अधिक करना, मन में उदासी, पढ़ाई में मन न लगना, नकारात्मक विचार आना, आत्महत्या के विचार आना, भूत प्रेत के साया का डर लगना, मोबाइल का अधिक प्रयोग करना, नशा करना आदि मानसिक रोग के लक्षण हैं। घर में किसी भी व्यक्ति को ऐसी दिक्कत होने पर स्वास्थ्य केंद्र आएं।

मनोरोग चिकित्सक व मनोचिकित्कीय सामाजिक कार्यकर्ता ने रोगियों की जांच व उपचार किया। शिविर में आई अनीता ने बताया कि उनकी बेटी को दौरे पड़ते । वह अचानक चिल्लाने लगती । पिछले एक साल से ओझा व तांत्रिक से झाड़फूंक करवा रहे थे। लेकिन कोई आराम नहीं मिला है। दो महीने पहले उन्हें जिला अस्पताल में बने मन कक्ष की जानकारी हुई। वहां से दवा इत्यादि ली। शिविर के बारे में पता चलने पर यहां आई हैं। बेटी की दवा खत्म होने वाली थी। यहां उन्हें दवा मिल गई। दो महीने से इलाज़ लेने के बाद अभी किस तरह का फर्क देखने को मिला है।

कस्बे से आई 42 वर्षीय सुनैना ने बताया कि उन्हें पिछले कई दिनों से ठीक से नींद नहीं आ रही है। परिवार में किसी से बात करने का मन नहीं करता है। कमरे में घंटों अकेले रहते हैं। मानसिक स्वास्थ्य शिविर की जानकारी होने पर यहां आए हैं। डाक्टर से बातचीत के बाद अब वह थोड़ा अच्छा महसूस कर रहे हैं। डाक्टर ने उन्हें जिला अस्पताल आने की सभी सलाह दी है।

कार्यक्रम में चिकित्सा अधीक्षक डॉ महेश कुमार , मानसिक स्वास्थ्य टीम से एसपी मिश्रा , सुनील पाठक, अरुण यादव और पवन यादव सहित अन्य लोग उपस्थित रहे।